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8. आत्मा अमर है फिर मरता कौन है? उ. आत्मा अमर है द्रव्य रूप से किन्तु पर्याय के रूप में मरती भी है। पूर्व शरीर
को छोड़ना मरण तथा नये शरीर को धारण करना जन्म है। 9. आत्मा के मूल गुण कितने हैं? उ. केवलज्ञान, केवलदर्शन आदि मूल गुण हैं। 10. आठ आत्मा में कौनसी आत्मा वंदनीय है?
उ. चारित्रात्मा। 11. कौनसी आत्मा निंदनीय है?
उ. कषाय आत्मा। 12. गुणगान करने योग्य आत्माएं कितनी हैं?
उ. द्रव्य, कषाय को छोड़कर शेष छह आत्माएं गुणगान योग्य हैं। 13. आत्मा एक है या आठ! कैसे? उ. मूल आत्मा तो वैसे द्रव्य आत्मा ही है। सात आत्मा द्रव्य आत्मा की
पर्याय है इस दृष्टि से आत्मा के आठ भेद किये गये हैं। 14. आत्मा शरीर-व्यापी है या सर्वव्यापी? उ. आत्मा शरीर प्रमाण है, वह अपने गुणों से शरीर में उपलब्ध होता है।
जैसे-घट अपने गुणों से घट में उपलब्ध होता है। जैसे भिन्न स्वरूप वाले घट में पट का अभाव होता है, वैसे ही शरीर के
बाहर आत्मा की अनुपलब्धि है। 15. आत्मा के कितने गुण है?
उ. आत्मा के आठ गुण हैं। 16. आत्मा का पहला गुण कौनसा है और उसे रोकने वाले कर्म पुद्गल का
क्या नाम है? उ. आत्मा का पहला गुण है—केवलज्ञान और उसे रोकने वाले पुद्गल का
नाम है—ज्ञानावरणीय कर्म। 17. आत्मा का दूसरा गुण कौनसा है और उसे आवृत करने वाले कर्म पुद्गल
कौनसे हैं? उ. आत्मा का दूसरा गुण है—केवलदर्शन। इस गुण को आवृत करने वाले
कर्म पुद्गल हैं—दर्शनावरणीय कर्म।
16 कर्म-दर्शन