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काव्य ४७, जैन संस्कृत ऐतिहासिक महाकाव्य ४७, श्रालोच्य जैन संस्कृत महाकाव्य ४८, महाकाव्येतर अन्य स्रोत सामग्री ४६, श्रालोच्य जैन संस्कृत महाकाव्यों का संक्षिप्त परिचय ५०, जटासिंह नन्दिकृत वराङ्गचरित ५०, घनञ्जयकृत द्विसन्धान ५२, महासेनकृत प्रद्युम्नचरित ५३, वीरनन्दिकृत चन्द्रप्रभचरित ५४, प्रसगकृत वर्धमानचरित ५४, हरिचन्द्रकृत धर्मशर्माभ्युदय ५५, वादिराजसूरिकृत पार्श्वनाथचरित ५६, वाग्भटकृत नेमिनिर्वाण ५६, हेमचन्द्रकृत द्वयाश्रय ५७, अभयदेव सूरिकृत जयन्तविजय ५८ वस्तुपालकृत नरनारायणानन्द महाकाव्य ५६, अमरचन्द्रकृत पद्मानन्द महाकाव्य ५६ सोमेश्वरकृत कीर्तिकौमुदी ६०. बालचन्द्र सूरीकृत वसन्तविलास महाकाव्य ६१ नयचन्द्र सूरिकृत हम्मीर महाकाव्य ६३, निष्कर्ष ६४ ।
द्वितीय अध्याय
राजनैतिक शासनतन्त्र एवं राज्यव्यवस्था
६५-१४७
१. राजनैतिक शासनतन्त्र
६५-८३
भारतीय शासनतन्त्र ६५, राज्य विषयक समाजशास्त्रीय दृष्टिकोण ६५, भारतीय विचारकों के राज्य विषयक सिद्धान्त ६८, सामन्तयुगीन मध्य कालीन 'राज्य' संस्था का स्वरूप ६६, जैन संस्कृत महाकाव्यों में शासनतन्त्र विषयक विचार ७०, सप्ताङ्गराज्य ७०, षड्विधबल ७०, त्रिविध शक्ति ७३, षाड्गुण्य ७४, चतुविध उपाय ७५, चतुविध उपाय तथा पक्ष-विपक्ष ७७, साम ७८, दान ७६, भेद ८०, भेद नीति तथा प्रलोभन ८०, दण्ड ८२
२. राज्य ब्यवस्था
राजाओं के भेद एवं उपाधियाँ ८३ सामन्त पद्धति ८५, आदर्श राजा के कर्त्तव्य एवं उत्तरदायित्व ८८ उत्तराधिकार का अधिकारी ८६, उत्तराधिकार के लिए संघर्ष ६०, उत्तराधिकार सम्बन्धी मन्त्ररणा ६१, राज्याभिषेक २, राज्याभिषेक का समय ह२ उत्तराधिकारी राजकुमार की योग्यताएं ६३, राजा तथा उसका मन्त्रिमण्डल ६४, मंत्रिमण्डल की उपादेयता ६५, कोषसंग्रहण के साधन ९७, बलपूर्वक कोष -संग्रहरण ६८ उपहार - दहेजादि से कोषसंग्रहण ६६, युद्धप्रयाग से कोष-संग्रहण ६६, न्यायव्यवस्था १०१, जैन संस्कृत महाकाव्य तथा न्यायव्यवस्था १०१, अपराधवृत्ति धार्मिक मान्यतानों के सन्दर्भ में १०१, हाकार- माकार तथा धिक्कार नीति १०२, विभिन्न प्रकार अपराध एवं दण्ड १०३, चोरी तथा डाका १०३, चोरों पर नियंत्रण १०४, हत्या १०५, स्त्री-व्यभिचार १०५, राजषड्यन्त्र १०७, जुप्रा खेलना १०७, पशुदण्डव्यवस्था १०७, अपराध पुष्टि की न्यायालयीय प्रक्रिया १०८, शासन व्यवस्था के उच्चाधिकारी १०८, केन्द्रीय शासनव्यवस्था १०८, केन्द्रीय