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श्रीचतुर्विंशतिजिनस्तुति ।
सुख तथा शांतिरूप हैं, श्रेष्ठ भव्यरूपी कमलोंको प्रफुल्लित करनेके लिये सूर्यके समान हैं, संसारसे संतप्त हुए जीवोंको शांति पहुंचानेके लिये चन्द्रमाके समान हैं, चन्द्रमाके समान शांत हैं, वंदनीय हैं और इन्द्र चक्रवर्ती आदि उत्तम पुरुपोंके द्वारा पूज्य हैं ऐसे भगवान् चन्द्रप्रभको में अपने संसाररूपी धनको नाश करने के लिये भक्तिपूर्वक मनसे स्मरण करता हूं और भक्तिपूर्वक उनका ध्यान करता हूं।