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वर्ग १ अध्ययन १ - गौतमकुमार का जन्म एवं सुखोपभोग
१३ 林客來來來來來來來來來來來來來來來來來來來來來來來來來來來來來來來來來來來來來來來來來來來來來來來來來來來來來來來來來來
तए णं सा धारिणी देवी अण्णया कयाइं तंसि तारिसगंसि सयणिज्जंसि एवं जहा महब्बले - गाहा - सुमिणदंसण-कहणा, जम्मं बालत्तणं कलाओ य।
जोव्वण-पाणिग्गहणं, कंता पासाय भोगा य॥१॥ णवरं गोयमो णामेणं, अट्ठण्हं रायवरकण्णाणं एगदिवसेणं पाणिं गिण्हावेंति, अट्ठ?ओ दाओ।
कठिन शब्दार्थ - अण्णया कयाई - किसी समय, तारिसगंसि - तथाप्रकार की, सयणिज्जंसि - सुखद शय्या में सोई हुई, सुमिणदंसण कहणा - स्वप्नदर्शन और कथन, जम्मं - जन्म, बालत्तणं - बचपन, कलाओ - बहत्तर कलाओं का ज्ञान, जोव्वण - यौवनवय, पाणिग्गहणं- पाणिग्रहण (विवाह), कंता - कान्त, अट्टण्हं - आठ, रायवरकण्णाणंश्रेष्ठ राज कन्याओं के साथ, एगदिवसेणं - एक दिन में, पाणिं गिण्हावेंति - विवाह हुआ, अट्ठट्ठओ - आठ-आठ, दाओ - दान। ____ भावार्थ - वह धारिणी रानी किसी समय पुण्यात्माओं के शयन करने योग्य और कोमलता आदि गुणों से युक्त शय्या पर सोई हुई थी। उस समय उसने एक शुभ स्वप्न देखा। स्वप्न देख कर रानी जाग्रत हुई। उसने राजा के पास जा कर अपना देखा हुआ स्वप्न सुनाया। राजा ने स्वप्न का फल बतलाया, यथासमय रानी ने एक सुन्दर बालक को जन्म दिया। बालक का बाल्यकाल बहुत सुखपूर्वक बीता। उसने गणित, लेख आदि बहत्तर कलाओं को सीखा। उसके बाद युवावस्था होने पर उसका विवाह हुआ। उसका भवन बहुत सुन्दर था और उसकी भोगोपभोग सामग्रियाँ चित्ताकर्षक थीं। इन सब बातों का विस्तृत वर्णन भगवती सूत्र शतक ११ उद्देशक ११ में दिये महाबल कुमार के वर्णन के समान समझना चाहिए। अंतर इतना है कि इनका नाम 'गौतम' था। माता-पिता ने एक ही दिन में आठ सुन्दर राजकन्याओं के साथ इनका विवाह कराया। विवाह में आठ कोटि हिरण्य (चाँदी) आठ कोटि सुवर्ण आदि आठ-आठ वस्तुएं इन्हें दहेज में मिली।
विवेचन - प्रस्तुत सूत्र में गौतमकुमार के गर्भ में आने से लेकर विवाह तक का वर्णन किया गया है।
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