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वर्ग ८ अध्ययन १ - तीसरी-चौथी परिपाटी
१८३ ******************************************************************** गिना जाता है। (कारण ऐसे झोलियों में चाहे दही का अल्प अंश भी दिखता हो, अथवा वसा (क्रीम) मलाई निकाले हुए दूध को जमाकर भी दही बनाया जाता हो - उसका झोलिया हो तो भी उसमें अमुक मात्रा में वसा तो रहती ही है)।
धारविगय का अर्थ एवं स्वरूप - जो सरस आहार हो, ब्रह्मचर्य की नववाड़ों (विशेष रूप से सातवीं वाड़) में साधु को जिस आहार का प्रतिदिन सेवन का निषेध किया गया है। उस आहार को 'धार-विगय' शब्द में रूढ़ समझना चाहिए। ऐसा समझने पर दही, मिष्ठान्न, ठसा, (थीणा) घी, गुड़, शक्कर आदि की धार नहीं बनने पर भी प्रणीत आहार होने से ये भी धार विगय में गिने जाते हैं। जैसे घी, गुड़, शक्कर के व्यापार को भी रसवाणिज्य' बताया है। वैसे ही ये रस होने से इन्हें 'धारविगय' संज्ञा दी जाना संभव है। दाल, शाक आदि में जो गुड़, शक्कर डाला जाता है, वह 'धारविगय' नहीं होता है। वह तो अल्पांश में होने से ‘लेपविगय' · में गिना जाता है। .
__ प्रश्न - 'निव्विगई' में कौन-कौन सी वस्तुएं खाने के काम आ सकती है? ... उत्तर - 'निव्विगई' में पांचों विगय एवं खाइमं, साइमं का वर्जन किया जाता है। बिना तेल के नींबू (लूणिया, चौफाड़िया आदि) मिर्च फुटाने (चने-भुगड़े) की चटनी, बिलौने की छाछ, गर्म छाछ, राब (पलेब) घाट, थूली, दलिया, पटोलिया, बिना घी का रंधेज, तेल आदि के छौंक से रहित - इडली डोसा, खमण, दाले आदि, बिलौने की छाछ की कढ़ी, पापड़, खींचिया, जीरावण (सेका हुआ जीरा नमक) कैर (उबाली, बिना उबाली, सीधा) पचकुटा (बिना छौंक का) इत्यादि वस्तुएं [सूंठ, काली मिर्च, पीसी हुई हल्दी, सूखे आँवले-बिना नमकीन के सादे, त्रिफला, जौ, हरड़े आदि वस्तुएं औषध के रूप में ही ग्रहण की जा सकती है, अन्यथा नहीं] उपर्युक्त वस्तुओं में से कोई भी वस्तु सहज में मिल जाने पर नीवी में काम में ली जा सकती है। गृहस्थों को नीवी में लिलोती का प्रायः वर्जन ही रखना चाहिए। साधुओं के दाल आदि में मिश्रण होने से वर्जन संभव नहीं है। साधु साध्वियों के लिए हरे धनियाँ की चटनी भी काम आ सकती है। छाछ (मही) सामान्य रूप से 'खाइमं' में होते हुए भी विगयादि एवं मेवे के अंश रूप में भी नहीं होने से 'निम्विगई' में काम ले सकते हैं। नमक युक्त चावल की मांड - नीवी में एवं नमक रहित चावल की मांड आयंबिल में ले सकते हैं। . .
प्रश्न - खाइमं और साइमं में किन्न-किन्न वस्तुओं को समझना चाहिए? उत्तर - खाइमं में सभी प्रकार के फल, मेवे सभी प्रकार के तिलहन, शर्बत, फलों के रस,
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