________________ 328] [व्यवहारसूत्र (3) सूत्रोक्त वय के पूर्व एकलविहार या गच्छत्याग कर स्वतन्त्र विचरण भी नहीं करना चाहिए। (4) कोई परिस्थिति विशेष हो तो अन्य प्राचार्य एवं उपाध्याय से युक्त गच्छ की निश्रा लेकर विचरण करना चाहिए। (5) गच्छप्रमुखों को चाहिए कि वे अपने गच्छ को 2 या 3 पद से कभी भी रिक्त न रखें। अब्रह्मसेवी को पद देने के विधि-निषेध 13. भिक्खू य गणामो अवक्कम्म मेहुणधम्म पडिसेवेज्जा, तिणि संवच्छराणि तस्स तप्पत्तियं नो कप्पइ आयरियतं वा जाव गणावच्छेइयत्तं वा उदिसित्तए वा धारेत्तए वा। ____ तिहि संवच्छरेहि वीइक्कतेहि चउत्थगंसि संवच्छरंसि पट्टियंसि ठियस्स, उवसंतस्स, उवरयस्स, पडिविरयस्स, निव्वगारस्स, एवं से कप्पइ प्रायरियत्तं वा जाव गणावच्छेइयत्तं या उहिसित्तए वा धारेत्तए वा। 14. गणावच्छेइए य गणावच्छेयत्तं अनिक्खिवित्ता मेहुणधम्म पडिसेवेज्जा, जावज्जीवाए तस्स तप्पत्तियं नो कप्पइ आयरियतं वा जाव गणावच्छेइयत्तं वा उद्दिसित्तए वा धारेत्तए वा / 15. गणावच्छेहए य गणावच्छेइयत्तं निक्खिवित्ता मेहुणधम्म पडिसेवेज्जा, तिणि संवच्छराणि तस्स तप्पत्तियं नो कप्पइ आयरियत्तं वा जाव गणावच्छेइयत्तं वा उद्दिसित्तए वा धारेत्तए वा। तिहि संवच्छरेहि वीइक्कतेहिं चउत्थगंसि संवच्छरंसि पट्टियंसि ठियस्स उवसंतस्स, उवरयस्स, पडिविरयस्स, निविगारस्स, एवं से कप्पइ आयरियत्तं वा जाव गणावच्छेइयत्तं वा उद्दिसित्तए वा धारेत्तए वा। 16. आयरिय-उवज्झाए य आयरिय-उवज्ञायत्तं अनिक्खिवित्ता मेहणधम्म पडिसेवेज्जा, जावज्जीवाए तस्स तप्पत्तियं नो कप्पइ आयरियत्तं वा जाव गणावच्छेइयत्तं वा उद्दिसित्तए वा धारेत्तए वा। 17. आयरिय-उवज्झाए य आयरिय-उवज्झायत्तं निक्खिवित्ता मेहुणधम्म पडिसेवेज्जा, तिणि संवच्छराणि तस्स तप्पत्तियं नो कप्पइ पायरियत्तं वा जाव गणावच्छेइयत्तं वा उद्दिसित्तए वा धारेत्तए वा। तिहिं संवच्छरेहि वीइक्कतेहिं चउत्थगंसि संवच्छरंसि पट्ठियंसि ठियस्स उवसंतस्स, उवरयस्स, पडिविरयस्स, निवागारस्स, एवं से कप्पइ आयरियत्तं वा जाव गणावच्छेइयत्तं वा उद्दिसित्तए वा धारेत्तए वा। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org