Book Title: Agam 26 Chhed 03 Vyavahara Sutra Stahanakvasi
Author(s): Madhukarmuni, Kanhaiyalal Maharaj, Trilokmuni, Devendramuni, Ratanmuni
Publisher: Agam Prakashan Samiti

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Page 253
________________ दसवां उद्देशक दो प्रकार की चन्द्रप्रतिमाएं 1. दो पडिमाओ पण्णत्ताओ, तं जहा१. जवमझा य चंदपडिमा, 2. वइरमज्झा य चंदपडिमा / जवमझ णं चंदपडिमं पडिवनस्स अणगारस्स निच्चं मासं वोसट्टकाए चियत्तदेहे / जे केइ परीसहोवसग्गा समुप्पज्जेज्जा दिव्वा वा, माणुस्सगावा, तिरिक्खजोणिया वा, अणुलोमा वा, पडिलोमा वा, तत्थ अणुलोमा ताव वंदेज्जा वा, नमंसिज्जा वा, सक्कारेज्जा वा, सम्माणेज्जा वा, कल्लाणं मंगलं देवयं चेइयं पज्जुवासेज्जा, पडिलोमा ताव अन्नयरेणं दंडेण वा, अट्ठिणा वा, जोतेण वा, वेत्तेण वा, कसेण वा काए आउटेज्जा, ते सव्वे उप्पन्ने सम्म सहेज्जा, खमेज्जा, तितिक्खेज्जा, अहियासेज्जा। जवमझं गं चंदपडिम पडिकन्नस्स प्रणगारस्स, सुक्कपक्खस्स पाडिवए से कप्पइ एगा दत्ती भोयणस्स पडिगाहेत्तए, एगा पाणस्स, सम्वेहि दुप्पयं चउप्पयाइएहि आहार-कखोहि सत्तेहि पडिणियतेहि, अन्नायउंछं सुद्धोवहडं निज्जूहित्ता बहवे समण जाव वणीमगा। कप्पड से एगस्स भुजमाणस्स पडिग्गाहेत्तए नो दोण्हं, नो तिण्हं, नो चउण्हं, नो पंचण्हं। नो मुग्विणीए, नो बालवच्छाए, नो दारगं पेज्जमाणीए / नो अंतो एलुयस्स दो वि पाए साहटु दलमाणीए नो बाहिं एलुयस्स दो वि पाए साहटु दलमाणीए। अह पुण एवं जाणेज्जा-एगं पायं अंतो किच्चा, एगं पायं बाहिं किच्चा एलुयं विक्खम्भइत्ता दलयइ, एवं से कप्पइ पडिग्गाहित्तए। बिइयाए से कप्पइ दोण्णि दत्तीओ भोयणस्स पडिगाहेत्तए, दोणि पाणस्स / तइयाए से कप्पइ तिणि दत्तीओ भोयणस्स पडिगाहेत्तए, तिणि पाणस्स / चउत्थीए से कप्पइ चउ दत्तीओ भोयणस्स पडिगाहेत्तए, चउ पाणस्स / पंचमीए से कप्पइ पंच दत्तीओ भोयणस्स पडिगाहेत्तए, पंच पाणस्स / छट्ठीए से कप्पइ छ वत्तीओ भोयणस्स पडिगाहेत्तए, छ पाणस्स / सत्तमोए मे कप्पा सत्त दत्तीओ भोयणस्स पडिगाहेत्तए, सत्त पाणस्स / अट्ठमीए से कप्पइ अटु दत्तोपो भोयणस्स पडिगाहेत्तए, अट्ट पाणस्स / नवमीए से कप्पह नव वत्तीओ भोयणस्स पडिगाहेत्तए, नव पाणस्स / दसमीए से कप्पइ वस दत्तीओ भोयणस्स पडिगाहेत्तए, दस पाणस्स / Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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