________________ 432] [व्यवहारसूत्र उपसंहार 37-42 इस उद्देशक मेंशय्यातर के खाद्यपदार्थ के कल्प्याकल्प्य का, दत्ति-परिमाण प्रतिमाओं का एवं प्रश्रवण-पान प्रतिमाओं का, दत्तिस्वरूप का, अभिग्रह योग्य आहार के प्रकारों का, इत्यादि विषयों का कथन किया गया है / // नवम उद्देशक समाप्त // 45-46 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org