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[अट्ठाईसवाँ आहारपद] १८१९. बेइंदिया णं भंते! जे पोग्गले आहारत्ताए० पुच्छा । गोयमा! जिभिदिय-फासिंदियवेमायत्ताए ते तेसिं भुज्जो २ परिणमंति।
[१८१९ प्र.] भगवन् ! द्वीन्द्रिय जीव जिन पुद्गलों को आहार के रूप में ग्रहण करते हैं, वे पुद्गल किस-किस रूप में पुन:पुनः परिणत होते हैं ? इत्यादि पूर्ववत् प्रश्न।
[१८१९ उ.] गौतम! वे पुद्गल जिह्वेन्द्रिय और स्पर्शेन्द्रिय की विमात्रा के रूप में पुनः पुनः परिणत होते हैं।
१८२०. एवं जाव चरिंदिया।णवरं णेगाइं च णं भागसहस्साई अणाघाइजमाणाइं अफासाइजमाणाई अणस्साइजमाणाई विद्धंसमागच्छंति।
[१८२०] इसी प्रकार यावत् चतुरिन्द्रिय तक के विषय में कहना चाहिए। विशेषता यह है कि इनके (त्रीन्द्रिय, चतुरिन्द्रिय) द्वारा प्रक्षेपाहाररूप में गृहीत पुद्गलों के अनेक सहस्र भाग अनाघ्रायमाण (नहीं सूंघे हुए), अस्पृश्यमान (बिन छुए हुए) तथा अनास्वाद्यमान (स्वाद लिये बिना) ही विध्वंस को प्राप्त हो जाते हैं।
१८२१. एतेसि णं भंते! पोग्गलाणं अणाघाइजमाणाणं अणासाइज्जमाणाणं अफासाइज्जमाणाण य कतरे कतरेहितो अप्पा वा ४ ?
गोयमा! सव्वत्थोवा पोग्गला अणाघाइजमाणा, अणास्साइजमाणा अणंतगुणा, अफासाइजमाणा अणंतगुणा। __ [१८२१ प्र.] भगवन् ! इन अनाघ्रायमाण, अस्पृश्यमान और अनास्वाद्यमान पुद्गलों में से कौन किससे अल्प, बहुत, तुल्य अथवा विशेषाधिक हैं?
[१८२१ उ.] गौतम! अनाघ्रायमाण पुद्गल सबसे कम हैं, उससे अनन्तगुणे पुद्गल अनास्वाद्यमान हैं और अस्पृश्यमान पुद्गल उससे अनन्तगुणे हैं।
१८२२. तेइंदिया णं भंते! जे पोग्गला० पुच्छा। गोयमा! घाणिंदिय-जिभिदिय-फासिंदियवेमायत्ताए ते तेसिं भुजो २ परिणमंति।
[१८२२ प्र.] भगवन् ! त्रीन्द्रिय जीव जिन पुद्गलों को आहार के रूप में ग्रहण करते हैं, वे पुद्गल उनमें किस रूप में पुन:पुनः परिणत होते हैं ? __[१८२२ उ.] गौतम! वे पुद्गल घ्राणेन्द्रिय, जिह्वेन्द्रिय और स्पर्शेन्द्रिय की विमात्रा से (अर्थात् – इष्ट - अनिष्टरूप से) पुन:पुनः परिणत होते हैं।
१८२३. चउरिंदियाणं चक्खिदिय-घाणिंदिय-जिभिदिय-फासिंदियवेमायत्ताए ते तेसिं भुज्जो भुज्जो परिणमंति, सेसं जहा तेइंदियाणं।।
[१८२३] (चतुरिन्द्रिय द्वारा आहार के रूप में गृहीत पुद्गल) चक्षुरिन्द्रिय, घ्राणेन्द्रिय, जिह्वेन्द्रिय एवं स्पर्शेन्द्रिय की विमात्रा से पुनः पुनः परिणत होते हैं। चतुरिन्द्रियों का शेष कथन त्रीन्द्रियों के कथन के समान समझना चाहिए।
विवेचन - विकलेन्द्रियों के आहार के विषय में स्पष्टीकरण - लोमाहार - लोमों या रोमों (रोओं)