Book Title: Agam 15 Upang 04 Pragnapana Sutra Part 03 Stahanakvasi
Author(s): Shyamacharya, Madhukarmuni, Gyanmuni, Shreechand Surana, Shobhachad Bharilla
Publisher: Agam Prakashan Samiti

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Page 310
________________ [परिशिष्ट १-गाथानुक्रम] [२९५ ५४[८] ४२ ४५ २११ २०६[२] १८७ १०२ ५५९ ७९० ७९० ७९० . २१२ १२५९ ८५९ ११० णीलाणुरागवसणा णेरइणय अंतकिरिया णेरइया-तिरिय-मणुया तणमूल कंदमूले तत्थ वि य ते अवेदा तय छल्लि-पवालेसु य ताल तमाले तक्कलि तिण्णि सया तेतीसा तिलए लउए छत्तोह तीसा चत्तालीसा तीसा य पण्णवीसा तुलसी कण्ह उराले दमपिप्पली य दव्वी दव्वाण सव्वभावा दसण-नाण-चरित्ते दिसि गति इंदिय काए दीव-दिसा-उदहीणं दीहं वा हस्सं वा न वि अत्थि माणुसाणं निस्सग्गुवएसरुई निस्संकिय-निक्खंकिय पउमलता नागलता पउमुप्पलनलिणाणं पउमुप्पमल संघाडे पउमुप्पलिणीकंदे पढमो ततिओ नवमो पढमो ततिओ सप्तम पण्णवणा ठाणाई पत्तउरसीयउरए पत्तेया पजत्ता परमत्थसंथवोवा परिणाम-वण्ण-रस-गंध पलंडू लहसणकदंय पाढा मियवालुंकी पुट्ठीगाढ अणंतर पुरुवी य सक्करा वालुया १८७ पुत्तजीवयरिट्ठे १४०६ पुष्फा जलया थलया । १९७३ पुस्सफलं कालिगं ५४[२] पूईकरंज सेण्हा २११ पूसफली कालिंगी ५५[३] फुसई अणते सिद्धे ४८ बत्तीस अट्ठवीसा २११ बलि-भूयाणंदे वेणुदाली बारवती य सुरट्ठा .१८७ बारस चउवीसाई १७४ बि चउत्थ पंच छठें बि चउत्थ पंच छठें बि चउत्थ पंच छठें ११० भासग परित्त पज्जत भासग परित्त पज्जत २१२ भासा कओ य पहवति १८७ भासा सरीर परिणाम . २११ भुयरुक्ख हिगुरुक्खे २११ भूअत्थेणधिगया ११० भेद-विसय-संठाणे महुरा य सूरसेणा मासपण्णी मुग्गपण्णी ५४[८] मुद्दिय अप्पा भल्ली ५५[३] रायगिह मगह चंपा ५४[८] रुक्खा गुच्छा गुम्मा ७९० रुरु कंडुरिया जारू ७९० लोगागासपएसे णिगोयजीवं लोगागासपएसे परित्तजीवं वइराड वच्छ वरणा ५४[११] ववगयजर-मरणभए वंसेवेलू कणए १२१८ वाइंगण सल्लइ वोडइ ५४[८] विसमं समं करेति ५४[१] विहि-संठाण-पमाणं ८७७[३३] विंट समंसकडाहं २४ वेणु णल इक्खुवाडिय ४८ ११० १९८१ १०२ ५४[१] ११० १०२ ३८ ५४[१] ५४[११] ५४[११] १०२ ४२ ४६ २१७० १४७४ ५४[८] ५४[८]

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