Book Title: Agam 15 Upang 04 Pragnapana Sutra Part 03 Stahanakvasi
Author(s): Shyamacharya, Madhukarmuni, Gyanmuni, Shreechand Surana, Shobhachad Bharilla
Publisher: Agam Prakashan Samiti

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Page 315
________________ ३००] [ प्रज्ञापनासूत्र] ८६३ ४३५ ६२२ ४३४ १४६ १२५ १११ ५५९ १६९४ १९६ २०५५ .९१० १७०२ ७० ५३ आहिकरणिया इच्छाणुलोमा इड्ढी इत्तिरिय इत्थिवेय इरियावहियबंधग इसिपाल इसिबाइय इसी इंद. .. इंदिय ईसर ईसाण ईसाणकप्प ईसिपब्भारा उक्कड (त्रीन्द्रिय जीव) उक्कलिय उक्कामुह उग्गह उच्चगोअ उड्ढलोअ उत्तरवेउव्वि उदधिवलय उदहिकुमार उद्दिस्सपविभत्तगति उद्देहिय उद्धकवाड उप्पडा उप्पण्णमिस्सिया उप्पणविगयमिस्सिया उप्पाय .. उरपरिसप्प उरूलुंचग उवओग उवओगद्धा उवघायणाम १६१९ उवघायणिस्सिय ८६६ उवरिमउवरिमगेवेजग ११९८ उवरिमगेवेजग १२१५ उवरिममज्झिमगेवेजग १६९१ उवरिमहेट्ठिमगेवेज्जग १६९९ उवसंतकसाय १९४ उवसंतकसायवीयरागदंसणारिय १८८ उव्वट्टण १९४ उसभणारायसंघयणणाम १९८ उसभंक २ उसिणा. १७७ उस्सप्पिणी ६२२ उस्सासणाम १९८. उस्सासविस (सर्पविशेष) २११ एगओवत्त (द्वीन्द्रिय जीव) ५७ एगखुर ५७ एगजीव. ९५ एगट्रिय १०४ एगिंदिय १६९५ एगिदियजाइणाम १४८ एरण्णवय ९८३. एरवय ओघसण्णा १४० ओभंजलिया ११०५ ओरालिया ५७ ओरालियमीसासरीरकायजोग १५५ ओहिदंसण ५७ कक्खड ८६५ कच्छभ. ८६५ कट्ठपाउयार ५७ कणग ३८१ कणिक्कामच्छ . ५७ कण्णत्तिया ९३२ कण्णपाउरण १००६ कप्प १७०२ कप्पातीय १२७२ १६९४ १२५७ १०५८ ७२५ १५४४ २१७३ १९२८ ५ १००३ १४५

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