Book Title: Agam 15 Upang 04 Pragnapana Sutra Part 03 Stahanakvasi
Author(s): Shyamacharya, Madhukarmuni, Gyanmuni, Shreechand Surana, Shobhachad Bharilla
Publisher: Agam Prakashan Samiti
View full book text ________________
३०८]
मासपुरी (नगरी) माहिंद
माहेसरी ( लिपिविशेष)
मिच्छत्त
मिच्छत्तवेयणिज्ज
मिच्छद्दिट्ठि .
मिच्छादंसणवत्तिया
मिच्छादंसणसल्ल
मिलक्खू
मुत्तालअ
मुद्धया
मुरुंड
मुसं (सुं) ढि
मुंज पाउयारा
मूयलि
मूस
मेच्छ
मेय
मेरअ
मेलिमिद
मेसरा
मेहमुह
सणा
मेढमुह
मोग्गर
मोत्तिय
मोसणजोग
मोसमणप्पओग
मोसवइजोग
मोहणिज्ज
तणवडेंसय
रतबंधुजीवअ
रम्मगवास
रयण रयणवडेंसय
१०२ रोम
१९६ रोसग १०७ रोहिणीय
१६६७ रोहियमच्छ
१६८२
लउस
९९८ लट्ठदंत
११२९ लद्धि
१५८०
लवणसमुद्द
९७ लंतअ
२११
लंतगदेव
६५ लाढ
९८
लाभंतराअ
१७७ लालाविस
१०६
लावग
९८ लेप्पार
८५ लेसा
२११ लेसागत
९८
१२३७ ७९ लोअ
लेसापरिणाम
लेस्साणुवायगति
८८ लोगणाली
९५ लोगनिखुड ७२५ लोभसमुग्घाय ९५ लोहियक्खमणि
१८८ लोहियपत्त
५६ लोहियमत्तिया
२१७४ लोहियवण्णणाम
१०६८ लहसिय
२१७४ वइउल
१६८२ वइजोग
१९८ वइजोगपरिणाम
१२२९ वइराड
९६ वइरोयणराय
वइरोस भणारायसंघयणणाम
१००३ २०६ वइसुहया
[ प्रज्ञापनासूत्र ]
९८
९८
I ^ M E A
५७
६३
९८
९५
१००६
१००३
२०२
२०२
१०२
. १६८६
७९
८८
. १०६
२
११०५
९२६
११०५
१४९
२००७
१५७
२१३३
१२२९
५८
२३
१७०२
९८
८०
२१७३
९३१
१०२
१८०
१७०२
१६८१
Loading... Page Navigation 1 ... 321 322 323 324 325 326 327 328 329 330 331 332 333 334 335 336 337 338 339 340 341 342 343 344 345 346 347 348 349 350 351 352 353 354 355 356 357 358 359 360 361 362 363 364 365 366 367 368 369 370 371 372 373 374 375 376 377 378 379 380 381 382 383 384 385 386 387 388 389 390 391 392 393 394 395 396 397 398 399 400 401 402 403 404 405 406 407 408 409 410 411