Book Title: Agam 15 Upang 04 Pragnapana Sutra Part 03 Stahanakvasi
Author(s): Shyamacharya, Madhukarmuni, Gyanmuni, Shreechand Surana, Shobhachad Bharilla
Publisher: Agam Prakashan Samiti
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[ प्रज्ञापनासूत्र ]
निष्कर्ष - नारकों तथा चारों जाति के देवों का अवधिज्ञान आनुगामिक, अप्रतिपाती और अवस्थित होता है। तिर्यञ्चपंचेन्द्रियों और मनुष्यों का अवधि पूर्वोक्त आठ ही प्रकार का होता है।'
॥ पज्ञापना भगवती का तेतीसवाँ अवधिपद समाप्त ॥
१. पण्णवणासुतं भा. १ ( मूलपाठ - टिप्पण), पृ. ४१८