Book Title: Agam 15 Upang 04 Pragnapana Sutra Part 03 Stahanakvasi
Author(s): Shyamacharya, Madhukarmuni, Gyanmuni, Shreechand Surana, Shobhachad Bharilla
Publisher: Agam Prakashan Samiti
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[प्रज्ञापनासूत्र] कौन संयत है, कौन असयंत है, कौन संयतासंयत है तथा कौन नोसंयत-नोअसंयत-नोसंयतासंयत है, इसकी प्ररूपणा मूलपाठ में कर ही दी गई है, अन्तिम संग्रहणी गाथा में निष्कर्ष दे दिया है। अतः स्पष्टीकरण की आवश्यकता नहीं है।
॥ प्रज्ञापना भगवती का बत्तीसवाँ संयतपद सम्पूर्ण ॥
१. (क) पण्णवणासुत्तं (मूलपाठ-टिप्पणीयुक्त) भा. १, पृ. ४१४ (ख) प्रज्ञापना (प्रमेयबोधिनी टीका) भा. ५, पृ. ७६८ से ७७१ तक