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5 places of birth of infernal and divine beings. Mishra-mixed, such as the fi place of origin or womb of mammalian beings. Samurit-covered or si
narrow place of origin, like the place of origin of one sensed beings, infernal beings and divine beings. (2) vivrit-open or broad, for exar the insects born in cowdung are vivrit yonik beings. Samvrit-vivrit
covered as well as open, such as the place of origin or womb of f mammalian beings. (Sanskrit Tika, pp. 208-209; Hindi Tika, pp. 387-388)
१०३. तिविहा जोणी पण्णत्ता, तं जहा-कुम्मुण्णया, संखावत्ता, वंसीवत्तिया।
(१) कुम्मुण्णया णं जोणी उत्तमपुरिसमाऊणं। कुम्मुण्णयाए णं जोणिए तिविहा उत्तमपुरिसा गब्भं वक्कमंति, तं जहा-अरहंता, चक्कवट्टी, बलदेव-वासुदेवा।
(२) संखावत्ता णं जोणी इत्थीरयणस्स। संखावत्ताए णं जोणीए बहवे जीवा य पोग्गला य वक्कमंति, विउक्कमंति, चयंति, उववज्जंति, णो चेव णं णिप्फजंति।
(३) वंसीवत्तिता णं जोणी पिहज्जणस्स। वंसीवत्तिताए णं जोणिए बहवे पिहज्जणा गभं वक्कमंति।
१०३. योनि तीन प्रकार की होती है-(१) कूर्मोन्नता (कछुए के समान उन्नत),(२) शंखावर्ता (शंख क के समान आवर्त घुमाव वाली), और (३) वंशीपत्रिका (बाँस के पत्ते के आकार वाली)।
(१) कूर्मोन्नता योनि उत्तम पुरुषों की माताओं की होती है। कूर्मोन्नता योनि में तीन प्रकार के पुरुष उत्पन्न होते हैं-(१) अरहन्त (तीर्थंकर), (२) चक्रवर्ती, और (३) बलदेव-वासुदेव।
(२) शंखावर्ता योनि-चक्रवर्ती के स्त्रीरत्न की होती है। शंखावर्ता योनि में बहुत से जीव और पुद्गल उत्पन्न और विनष्ट होते रहते हैं, किन्तु निष्पन्न नहीं होते।
(३) वंशीपत्रिका योनि सामान्य जनों की माताओं की होती है। वंशीपत्रिका योनि में अनेक सामान्य जन जन्म लेते हैं।
103. Yoni (womb or place of birth of beings) is of three kinds(1) kurmonnat (convex like a tortoise), (2) shankhavart (spiraled like a conch-shell), and (3) vanshipatrika (bamboo leaf shaped).
(1) The mothers of best among men have kurmonnat yoni. Three 15 kinds of persons are born from kurmonnat yoni—(1) Arhant
(Tirthankar), (2) Chakravarti (epoch maker supreme monaro period), and (3) Baladeu-Vasudev (epoch maker sovereign of a specific
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तृतीय स्थान
(205)
Third Sthaan 8555555555555555555555555555558
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