Book Title: Agam 03 Ang 03 Sthanang Sutra Part 01 Sthanakvasi
Author(s): Amarmuni, Shreechand Surana
Publisher: Padma Prakashan

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Page 613
________________ குமிமிமிமிமிமிமிதிமி 2955 5 5 55 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 55 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 55555550 अंतेवासी - पद ANTEVASI PAD (SEGMENT OF DISCIPLE) தமிழதமிமிமிமிமிமிமிமிமிமிதிமிதிமிதிமிதிமி& ४२४. चत्तारि अंतेवासी पण्णत्ता, तं जहा - पव्वावणंतेवासी णाममेगे णो उवट्ठावणंतेवासी, उवट्टावणंतेवासी णाममेगे णो पव्वावणंतेवासी, एगे पव्वावणंतेवासीवि उवट्ठावणंतेवासीवि, एगे जो पव्वावणंतेवासी णो उवट्ठावणंतेवासी - धम्मंतेवासी । ४२४. अन्तेवासी (गुरु க प्रव्राजना अन्तेवासी होता है अर्थात् दीक्षा देने वाले आचार्य का दीक्षादान की दृष्टि से ही शिष्य होता है, किन्तु उपस्थापना की दृष्टि से अन्तेवासी नहीं होता; (२) कोई शिष्य उपस्थापना की अपेक्षा से अन्तेवासी फ्र होता है, किन्तु प्रव्राजना की अपेक्षा से अन्तेवासी नहीं होता; (३) कोई शिष्य प्रव्राजना- अन्तेवासी भी होता है और उपस्थापना - अन्तेवासी भी होता है (जिसने एक ही आचार्य से दीक्षा और उपस्थापना ग्रहण की हो ); तथा (४) कोई शिष्य न प्रव्राजना की अपेक्षा अन्तेवासी होता है और न उपस्थापना की दृष्टि से ही अन्तेवासी होता है, किन्तु मात्र धर्मोपदेश की अपेक्षा धर्मान्तेवासी होता है। समीप रहने वाले शिष्य) चार प्रकार के होते हैं- (१) कोई शिष्य 424. Antevasi (a disciple who lives with his guru ) - ( 1 ) some disciple is only with respect to pravraajana (initiation) and not with respect to upasthapana (formal acceptance of great vows), (2) some disciple is only with respect to upasthapana and not with respect to pravraajana, (3) some disciple is with respect to pravraajana and upasthapana both and (4) some disciple is neither with respect to pravraajana nor with respect to upasthapana but dharmantevasi (with respect to religious preaching). ४२५. चत्तारि अंतेवासी पण्णत्ता, तं जहा - उद्देसणंतेवासी णाममेगे णो वायणंतेवासी, वायणंतेवासी णाममेगे णो उद्देसणंतेवासी, एगे उद्देसणंतेवासीवि वायणंतेवासीवि, एगे णो उद्देसणंतेवासी णो वायणंतेवासी - धम्मंतेवासी । ४२५. (पुनः) अन्तेवासी चार प्रकार के होते हैं - (१) कोई उद्देशना की अपेक्षा से अन्तेवासी होता है, किन्तु वाचना की अपेक्षा से नहीं, (२) कोई वाचना की अपेक्षा से अन्तेवासी होता है, किन्तु उद्देशना की अपेक्षा से नहीं, (३) कोई उद्देशना की अपेक्षा से भी अन्तेवासी होता है और वाचना की अपेक्षा से भी, (४) कोई न उद्देशना की अपेक्षा से ही अन्तेवासी होता है और न वाचना की अपेक्षा से ही है, मात्र धर्म प्रतिबोध पाने की अपेक्षा से अन्तेवासी होता है। चतुर्थ स्थान 425. Antevasi ( a disciple who lives with his guru ) - ( 1 ) someone is disciple only with respect to uddeshana (guidance) and not with respect to vaachana (recitation), (2) someone is disciple only with respect to vaachana and not with respect to uddeshana, (3) someone is disciple with respect to uddeshana and vaachana both, and (4) someone is disciple neither with respect to uddeshana nor with respect to vaachana but only a dharmantevasi (disciple with respect to religious preaching). Jain Education International (527) For Private & Personal Use Only Fourth Sthaan 2 55 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 55 5 5 5 55 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 55955 59595959595959595 • फ 卐 5 卐 卐 फ्र फ्र 卐 www.jainelibrary.org

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