Book Title: Agam 03 Ang 03 Sthanang Sutra Part 01 Sthanakvasi
Author(s): Amarmuni, Shreechand Surana
Publisher: Padma Prakashan

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Page 568
________________ ब))))))))))))))))) ))5555555 95555555555555555555555555))))))))))))))))) ॐ ३४६. उनमें जो दक्षिण-पूर्व दिशा का रतिकर पर्वत है, उसकी चारों दिशाओं में देवराज शक्र + देवेन्द्र की चार अग्रमहिषियों-(१) पद्मा, (२) शिव, (३) शची, और (४) अंजू की जम्बूद्वीप प्रमाण ॐ वाली चार राजधानियाँ हैं। उनके नाम हैं-(१) समना, (२) सौमनसा, (३) अर्चिमालिनी, (४) मनोरमा। 346. In all the four directions of the south-eastern Ratikar Parvat there are four capital cities of the four Agramahishis (chief queens) of king of gods Shakra Devendra-(1) Padmaa, (2) Shiva, (3) Shachi, and (4) Anju. These capital cities are of the size of Jambu Dveep (one hundred thousand Yojans in area) and their names are-(1) Samanaa, \ (2) Saumanasa, (3) Archimalini, and (4) Manorama. ३४७. तत्थ णं जे से दाहिणपच्चस्थिमिल्ले रतिकरगपवते, तस्स णं चउद्दिसि सक्कस्स देविंदस्स देवरण्णो चउण्हमग्गमहिसीणं जंबुद्दीवपमाणमेत्ताओ चत्तारि रायहाणीओ पण्णत्ताओ, म तं जहा-भूता, भूतवडेंसा, गोथूभा, सुदंसणा। अमलाए, अच्छराए, णवमियाए, रोहिणीए। ३४७. उन पर्वतों में जो दक्षिण-पश्चिम दिशा का रतिकर पर्वत है, उसकी चारों दिशाओं में देवराज + शक्र देवेन्द्र की चार अग्रमहिषियों-(१) अमला, (२) अप्सरा, (३) नवमिका, (४) रोहिणी की जम्बूद्वीप प्रमाण वाली चार राजधानियाँ हैं। उनके नाम हैं-(१) भूता, (२) भूतावतंसा, (३) गोस्तूपा, (४) सुदर्शना। 4 347. In all the four directions of the south-western Ratikar Parvat there are four capital cities of the four Agramahishis (chief queens) of king of gods Shakra Devendra-(1) Amalaa, (2) Apsara, (3) Navamika, and (4) Rohini. These capital cities are of the size of Jambu Dveep (one hundred thousand Yojans in area) and their names are-(1) Bhoota, म (2) Bhootavatamsa, (3) Gostupa, and (4) Sudarshana. ३४८. तत्थ णं जे से उत्तरपच्चथिमिल्ले रतिकरगपवते, तस्स णं चउद्दिसिमीसाणस्स देविंदस्स देवरण्णो चउण्हमग्गमहिसणं जंबुद्दीवप्पमाणमेत्ताओ चत्तारि रायहाणीओ पण्णत्ताओ, तं फ़ जहा-रयणा, रतणुच्चया, सब्बरतणा, रतणसंचया। वसूए, वसुगुत्ताए, वसुमित्ताए, वसुंधराए। ३४८. जो उत्तर-पश्चिम दिशा का रतिकर पर्वत है, उसकी चारों दिशाओं में देवराज ईशान देवेन्द्र फ़ की चार अग्रमहिषियों-(१) वसु, (२) वसुगुप्ता, (३) वसुमित्रा, (४) वसुन्धरा की जम्बूद्वीप प्रमाण वाली चार राजधानियाँ हैं। उनके नाम हैं-(१) रत्ना, (२) रत्नोच्चया, (३) सर्वरत्ना, (४) रत्नसंचया। 348. In all the four directions of the north-western Ratikar Parvat ! there are four capital cities of the four Agramahishis (chief queens) of king of gods Ishaan Devendra (1) Vasu, (2) Vasugupta, (3) Vasumitra, and (4) Vasundhara. These capital cities are of the size of Jambu Dveep (one hundred thousand Yojans in area) and their names are-(1) Ratnaa, (2) Ratnochchaya, (3) Sarvaratnaa, and (4) Ratnasanchayaa. -1--1-1-नानानानानानानानानाना स्थानांगसूत्र (१) (484) Sthaananga Sutra (1) For Private & Personal Use Only Jain Education International www.jainelibrary.org

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