Book Title: Agam 03 Ang 03 Sthanang Sutra Part 01 Sthanakvasi
Author(s): Amarmuni, Shreechand Surana
Publisher: Padma Prakashan

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Page 585
________________ ))5555555555555555555555555 370. In the same way Stanit Kumars, earth-bodied, water-bodied, plant-bodied and interstitial gods have four leshyas each like Asur Kumars. युक्त-अयुक्त-पद (चार भंग) YUKTA-AYUKTA-PAD (SEGMENT OF WITH AND WITHOUT) ३७१. चत्तारि जाणा पण्णत्ता, तं जहा-जुत्ते णाममेगे जुत्ते, जुत्ते णाममेगे अजुत्ते, अजुत्ते णाममेगे जुत्ते, अजुत्ते णाममेगे अजुत्ते। एवामेव चत्तारि पुरिसजाया पण्णत्ता, तं जहा-जुत्ते णाममेगे जुत्ते, जुत्ते णाममेगे अजुत्ते, [ अजुत्ते णाममेगे जुत्ते, अजुत्ते णाममेगे अजुत्ते ]। ३७१. यान चार प्रकार के होते हैं-(१) कोई यान (वाहन) बैल आदि से संयुक्त और वस्त्राभरणों + से युक्त सुसज्जित होता है, (२) कोई यान बैल आदि से संयुक्त होने पर भी वस्त्रादि से सुसज्जित नहीं ॐ होता है, (३) कोई यान अयुक्त-बैल आदि नहीं जुते होने पर भी वस्त्रादि से सुसज्जित होता है, और (४) कोई यान न बैल आदि से युक्त होता है और न वस्त्रादि से ही सुसज्जित होता है। ॐ इसी प्रकार पुरुष भी चार प्रकार के होते हैं-(१) कोई पुरुष धनादि से युक्त और सदाचार तथा म योग्य वेश-भूषा से भी संयुक्त होता है, (२) कोई धनादि से युक्त होता है, किन्तु योग्य वेश-भूषादि से + युक्त नहीं होता, [(३) कोई धनादि से युक्त नहीं होने पर भी योग्य वेश-भूषादि से युक्त होता है, तथा 卐 (४) कोई न धनादि से ही युक्त होता है और न योग्य वेश-भूषादि से ही युक्त होता है। 371. Yaan (vehicle or cart) is of four kinds-(1) some cart is with (yukta) bullocks etc. harnessed to it and also adorned with (yukta) cloths and ornaments, (2) some cart is with (yukta) bullocks etc. harnessed to it but without (ayukta) cloths and ornaments, (3) some cart is without (ayukta) bullocks etc. harnessed to it but still adorned with (yukta) cloths and ornaments, and (4) some cart is without (ayukta) bullocks etc. harnessed to it and without (ayukta) cloths and ornaments too. In the same way purush (men) are of four kinds—(1) some man is endowed with (yukta) wealth and other possessions and also adorned 卐 with (yukta) proper dress and ornaments, (2) some man is endowe (yukta) wealth and other possessions but not adorned with (ayukta) proper dress and ornaments, (3) some man is not endowed with (ayurta) wealth and other possessions but still adorned with (yukta) proper dress and ornaments, and (4) some man is neither endowed with (ayukta) wealth and other possessions nor adorned with (ayukta) proper dress and ornaments. 95555555555555555555555555555)))))))))))55555 卐)))))))))))))))) (499) Fourth Sthaan चतुर्थ स्थान B995) ))) )))) )))) ) )) )) )) ))) Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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