Book Title: Agam 03 Ang 03 Sthanang Sutra Part 01 Sthanakvasi
Author(s): Amarmuni, Shreechand Surana
Publisher: Padma Prakashan

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Page 590
________________ फफफफफफफफ 卐 5 ( ayukta parinat ), ( 3 ) some man is not endowed with ( ayukta ) virtues initially but acquires virtues later (yukta parinat), and (4) some man is neither endowed with (ayukta) virtues initially nor acquires virtues later (ayukta parinat). 卐 卐 एवामेव चत्तारि पुरिसजाया पण्णत्ता, तं जहा- जुत्ते णाममेगे जुत्तरूवे, जुत्ते णाममेगे अजुत्तरूवें, 5 अजुत्ते णाममेगे जुत्तरूवे, अजुत्ते णाममेगे अजुत्तरूवे ]। 卐 卐 卐 5 अयुक्त 卐 ३७७. [ चत्तारि जुग्गा पण्णत्ता, तं जहा-जुत्ते णाममेगे जुत्तरूवे, जुत्ते णाममेगे अजुत्तरूवे, अजुत्ते णाममेगे जुत्तरूवे, अजुत्ते णाममेगे अजुत्तरूवे । 卐 卐 ३७७. युग्य चार प्रकार के होते हैं - (१) कोई युक्त और युक्त रूप वाला; (२) कोई युक्त, किन्तु रूप वाला; (३) कोई अयुक्त, किन्तु युक्त रूप वाला; तथा (४) कोई अयुक्त और अयुक्त रूप होता है। वाला 卐 फ्र रूप वाला होता है। इसी प्रकार पुरुष भी चार प्रकार के होते हैं - (१) कोई युक्त और युक्त रूप वाला; (२) कोई युक्त, किन्तु अयुक्त रूप वाला; (३) कोई अयुक्त, किन्तु युक्त रूप वाला; एवं (४) कोई अयुक्त और अयुक्त 377. Yugya (pair) is of four kinds (in terms of quality and appearance)—(1) some pair is yukta and yukta rupa, (2) some pair is yukta and ayukta rupa, (3) some pair is ayukta and yukta rupa, and (4) some pair is ayukta and ayukta rupa. In the same way purush (men) are of four kinds (in terms of quality and appearance)-(1) some man is yukta and yukta rupa, (2) some man is yukta and ayukta rupa, (3) some man is ayukta and yukta rupa, and (4) some man is ayukta and ayukta rupa. ३७८. [ चत्तारि जुग्गा पण्णत्ता, तं जहा- जुत्ते णाममेगे जुत्तसोभे, जुत्ते णाममेगे अजुत्तसोभे, अजुत्ते णाममेगे जुत्तसोभे, अजुत्ते णाममेगे अजुत्तसोभे । एवामेव चत्तारि पुरिसजाया पण्णत्ता, तं जहा - जुत्ते णाममेगे जुत्तसोभे, जुत्ते णाममेगे अजुत्तसोभे, अजुत्ते णाममेगे जुत्तसोभे, अजुत्ते णाममेगे अजुत्तसोभे ]। ३७८. युग्य चार प्रकार के होते हैं - (१) कोई युक्त और युक्त शोभा वाला; (२) कोई युक्त, किन्तु अयुक्त शोभा वाला; (३) कोई अयुक्त, किन्तु युक्त शोभा वाला; और (४) कोई अयुक्त और अयुक्त शोभा वाला होता है। इसी प्रकार पुरुष भी चार प्रकार के होते हैं - (१) कोई युक्त और युक्त शोभा वाला; (२) कोई युक्त, किन्तु अयुक्त शोभा वाला; (३) कोई अयुक्त, किन्तु युक्त शोभा वाला; तथा (४) कोई अयुक्त और शोभा वाला होता है। अयुक्त फ्र स्थानांगसूत्र (१) மிக்கதமிமிமிமிமிமிமிமிமிமிசு Jain Education International (504) Sthaananga Sutra (1) For Private & Personal Use Only ****************தி ५ y Y Y Y Y 4 www.jainelibrary.org

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