Book Title: Agam 03 Ang 03 Sthanang Sutra Part 01 Sthanakvasi
Author(s): Amarmuni, Shreechand Surana
Publisher: Padma Prakashan

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Page 573
________________ फफफफफ 卐 卐 फ्र १. कद्दमोदगसमाणं भावमणुपविट्टे जीवे कालं करेइ, णेरइएसु उववज्जति । एवं जाव २. [ खंजणोदगसमाणं भावमणुपविट्ठे जीवे कालं करेइ, तिरिक्खजोणिएसु उववज्जति । ३. वालुओदगसमाणं भावमणुपविट्टे जीवे कालं करेइ, मणुस्सेसु उववज्जति ] ४. सेलोदगसमाणं भावमणुपविट्टे जीवे कालं करेइ, देवेसु उववज्जति । ३५५. उदक (जल) चार प्रकार का होता है - (१) (२) खंजनोदक - काजल तेल आदि मिला जल, (३) (४) शैलोदक - पर्वतीय जल (पर्वतों पर गिरा पानी)। 卐 फ्र 卐 फ्र इसी प्रकार जीवों के भाव (राग-द्वेष रूप परिणाम ) चार प्रकार के होते हैं - (१) कर्दमोदक समान अत्यन्त मलिन व दुःशोध्य भाव, (२) खंजनोदक समान - मलिन भाव, (३) वालुकोदक समान-अल्प 5 5 मलिन शीघ्र स्वच्छ होने वाला भाव, और (४) शैलोदक समान - अत्यल्प मलिन या निर्मल भाव । 5 5 卐 भाव वाला जीव काल करने पर तिर्यग्योनिक जीवों में, (३) वालुकोदक-समान भाव वाला जीव काल 卐 कर्दमोदक - कीचड़ वाला चिकना जल, वालुकोदक - बालू मिट्टीयुक्त जल, और करने पर मनुष्यों में, और (४) शैलोदक-समान भाव वाला जीव काल करने पर देवों में उत्पन्न फ्र होता है। (१) कर्दमोदक - समान भाव में प्रवर्तमान जीव काल करने पर नारकों में, (२) खंजनोदक - समान 355. Udak (water) is of four kinds-(1) kardamodak-slimy and oily water, (2) khanjanodak — water with soot, oil and other impurities, 5 (3) valukodak-sand mixed water, and (4) shailodak-mountain water 5 (rain water from mountains). फ्र In the same way bhaavas (sentiments in form of attachment and aversion) are of four kinds-(1) like kardamodak-extremely vile and 5 irredeemable sentiments, ( 2 ) like khanjanodak - vile sentiments, (3) like 5 5 valukodak – little vile and easily redeemable sentiments, and ( 4 ) like 5 shailodak-very little or pure sentiments. 卐 卐 रुत-रूप- पद RUT- RUPA-PAD (SEGMENT OF VOICE AND APPEARANCE) ३५६. चत्तारि पक्खी पण्णत्ता, तं जहा - रुतसंपण्णे णाममेगे णो रूवसंपण्णे, रूवसंपण्णे णाममेगे णो रुतसंपण्णे, एगे रुतसंपण्णेवि रूवसंपण्णेवि, एगे णो रुतसंपणे णो रूवसंपण्णे । चतुर्थ स्थान Jain Education International फफफफफफफफफफफफफफफफफफ (1) A man dying when under the influence of bhaava like kardamodak reincarnates in hell. (2) A man dying when under the influence of bhaava like khanjanodak reincarnates as an animal. (3) A man dying when under the influence of bhaava like valukodak reincarnates as a human being. (4) A man dying when under the influence of bhaava like shailodak reincarnates in divine dimension. 卐 (489) For Private & Personal Use Only 卐 फ्र Fourth Sthaan 卐 卐 www.jainelibrary.org

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