Book Title: Agam 03 Ang 03 Sthanang Sutra Part 01 Sthanakvasi
Author(s): Amarmuni, Shreechand Surana
Publisher: Padma Prakashan

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Page 524
________________ ܡܡ 卐555555555555555555555555555555555555555555 is of two kinds-vamavart and dakshinavart. Dakshin shankh is also of 卐 two kinds-vamavart and dakshinavart. The conch-shell with its spiral structure having left turn starting from the left side is vamavart. Opposite of this is Dakshinavart. Vama and vamavart conch-shell is inauspicious and worthless. Dakshin and dakshinavart conch-shell is supposed to be the best and auspicious. In context of man vama means unrighteous and vamavart means ! ¥ having bad conduct. In the same way dakshin means righteous and dakshinavart means immaculate in religious conduct. (Hindi Tika, p. 811) २७०. चत्तारि धूमसिहाओ पण्णत्ताओ, तं जहा-वामा णाममेगा वामावत्ता, वामा णाममेगा दाहिणावत्ता, दाहिणा णाममेगा वामावत्ता, दाहिणा णाममेगा दाहिणावत्ता। एवामेव चत्तारि इत्थीओ पण्णत्ताओ, तं जहा-वामा णाममेगा वामावत्ता, वामा णाममेगा दाहिणावत्ता, दाहिणा णाममेगा वामावत्ता, दाहिणा णाममेगा दाहिणावत्ता। २७०. धूम-शिखाएँ चार प्रकार की होती हैं-(१) वामा और वामावर्ता-कोई धूम-शिखा वाम और वामावर्त होती है; (२) वामा और दक्षिणावर्ता-कोई धूम-शिखा वाम, किन्तु दक्षिणावर्त होती है; (३) दक्षिणा और वामावर्ता-कोई धूम-शिखा दक्षिण, किन्तु वामावर्त होती है; तथा (४) दक्षिण और ॐ दक्षिणावर्ता-कोई धूम-शिखा दक्षिण और दक्षिणावर्त होती है। इसी प्रकार स्त्रियाँ चार प्रकार की होती हैं-(१) कोई स्त्री वाम और वामावर्त; (२) कोई वाम, . किन्तु दक्षिणावर्त; (३) कोई दक्षिण, किन्तु वामावर्त; और (४) कोई दक्षिण और दक्षिणावर्त होती है। 270. Dhoom-shikhas (tongues of smoke) are of four kinds-(1) Vama and vamavart-some dhoom-shikha is vama (left or bad) in terms of quality and vamavart (with a left turn). (2) Vama and dakshinavartsome dhoom-shikha is bad in quality but dakshinavart (with a right turn). (3) Dakshin and vamavart-some dhoom-shikha is good in quality but vamavart (with a left turn). (4) Dakshin and dakshinavart-some dhoomshikha is good in quality and dakshinavart (with a right turn). In the same way stree (women) are of four kinds(1) some stree (woman) is vama (unrighteous) and vamavart (of bad conduct), (2) some stree is vama and dakshinavart (good conduct), (3) some stree isdakshin 卐 (righteous) and vamavart, and (4) some stree is dakshin and dakshinavart. २७१. चत्तारि अग्गिसिहाओ पण्णत्ताओ, तं जहा-वामा णाममेगा वामावत्ता, वामा णाममेगा ॐ दाहिणावत्ता, दाहिणा णाममेगा वामावत्ता, दाहिणा णाममेगा दाहिणावत्ता। एवामेव चत्तारि इत्थीओ पण्णत्ताओ, तं जहा-वामा णाममेगा वामावत्ता, वामा णाममेगा दाहिणावत्ता, दाहिणा णाममेगा ॐ वामावत्ता, दाहिणा णाममेगा दाहिणावत्ता। स्थानांगसूत्र (१) (442) Sthaananga Sutra (1) Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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