Book Title: Agam 03 Ang 03 Sthanang Sutra Part 01 Sthanakvasi
Author(s): Amarmuni, Shreechand Surana
Publisher: Padma Prakashan

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Page 522
________________ 4555555555555555555555555555555555555d # २६८. मार्ग चार प्रकार के होते हैं-(१) कोई मार्ग क्षेम दिखता है और क्षेमरूप होता है; म (२) कोई मार्ग क्षेम दिखता है, किन्तु अक्षेमरूप वाला होता है; (३) कोई मार्ग अक्षेम दिखता है, किन्तु क्षेमरूप वाला होता है; और (४) कोई मार्ग अक्षेम दिखता है और अक्षेमरूप वाला ही होता है। इसी प्रकार पुरुष भी चार प्रकार के होते हैं-(१) कोई पुरुष क्षेम और क्षेमरूप वाला होता है; (२) कोई क्षेम, किन्तु अक्षेमरूप वाला; (३) कोई अक्षेम, किन्तु क्षेमरूप वाला, और (४) कोई अक्षेम म और अक्षेमरूप वाला होता है। 268. Margs (paths) are of four kinds—(1) Some marg is kshem (placid) and kshem rupa (placid in appearance) as well. (2) Some marg is placid 卐 but akshem rupa (difficult in appearance). (3) Some marg is difficult but placid in appearance. (4) Some marg is actually difficult and disturbed in appearance as well. In the same way men are of four kinds-(1) Some man is kshem (placid) and kshem rupa (placid in appearance) as well. (2) Some man is placid but akshem rupa (disturbed in appearance). (3) Some man is 45 disturbed but placid in appearance. (4) Some man is disturbed and \i disturbed in appearance as well. विवेचन-टीकाकार ने बताया है-मार्ग के पक्ष में क्षेम का अर्थ है-डाकू व हिंसक पशुओं के भय से ॐ मुक्त, क्षेमरूप का अर्थ है-वृक्षों, जलाशयों आदि से युक्त। कोई मार्ग चोर आदि से रहित तो है, परन्तु पर्वतों व काँटों आदि के कारण विषम-अक्षेमरूप है। कोई मार्ग चोर आदि के भय से रहित तो नहीं है, है परन्तु सम है। कोई मार्ग भययुक्त भी है और विषम भी है। पुरुष के भाव पक्ष की दृष्टि से कोई पुरुष सद्गुणी है और साधु वेष वाला है। कोई सद्गुणी है, ॐ परन्तु साधु वेष नहीं है। कोई गुणहीन है, परन्तु वेष से साधु है और कोई गुणहीन भी है तथा वेशहीन भी है। (हिन्दी टीका, पृ. ८११)। Elaboration-The commentator (Tika) explains-In context of marg or #path kshem means free of the fear of bandits and fierce beasts. Kshem rupa means having trees and ponds. Some path is free of bandits but 4 still difficult in appearance (akshem rupa) because of hills and thorns fi etc. Some path is not free of bandits but is straight. Some path is fearful as well as crooked. In context of man kshem means placid or virtuous and kshem rupa $1 means pious in appearance or in the garb of an ascetic. Someone is virtuous but not in the ascetic garb. Someone is not virtuous but is in ascetic garb and someone is neither virtuous nor in the ascetic garb. स्थानांगसूत्र (१) (440) Sthaananga Sutra (1) 另步步步步步步步步步步步步步步步步步步步步步步步步步步步步步步步步步。 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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