Book Title: Agam 03 Ang 03 Sthanang Sutra Part 01 Sthanakvasi
Author(s): Amarmuni, Shreechand Surana
Publisher: Padma Prakashan

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Page 528
________________ 2559595955555 5 55595555555955555555595@ 2$59595959595959595555 5 5 5 5 55 5 5 5 5 5 55 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 55 52 卐 卐 फ्र This way seventeen quads have been made to cover human nature फ्र from relative standpoints, such as religious and irreligious, pious and impious, righteous and unrighteous etc. फ्र निर्ग्रन्थ-निर्ग्रन्थी-आलाप - पद NIRGRANTH- NIRGRANTHI-ALAAP PAD (SEGMENT OF TALK BETWEEN MALE AND FEMALE ASCETICS) २७४. चउहिं ठाणेहिं णिग्गंथे णिग्गंथिं आलवमाणे वा संलवमाणे वा णातिक्कमति, तं जहा - १. पंथं पुच्छमाणे वा, २. पंथं देसमाणे वा, ३. असणं वा पाणं वा खाइमं वा साइमं वा दलेमाणे वा, ४. असणं वा पाणं वा खाइमं वा साइमं वा दलावेमाणे वा । २७४. साधु चार कारणों से साध्वी के साथ आलाप-संलाप करता हुआ श्रमणाचार का उल्लंघन 卐 नहीं करता है। जैसे- (१) मार्ग पूछता हुआ, (२) मार्ग बनाता हुआ, (३) अशन, पान, खाद्य और स्वाद्य फ 5 देता हुआ, और (४) गृहस्थों के घर से अशन, पान, खाद्य और स्वाद्य दिलाता हुआ । சு फ्र 274. A nirgranth does not transgress the ascetic-code if he talks to a nirgranthi for four reasons — (1) to inquire for a path, (2) to show a path, फ (3) to offer food, and (4) to help seeking alms from householders. 卐 तमस्काय- पद TAMASKAYA-PAD (SEGMENT OF DARKNESS) २७५. तमुक्कायस्स णं चत्तारि णामधेज्जा पण्णत्ता, तं जहा - १ तमेति वा, २. तमुक्काएति वा, ३ . अंधकारेति वा, ४. महंधकारेति वा । २७६. तमुक्कायस्स णं चत्तारि णामधेज्जा पण्णत्ता, तं जहा - १. लोगंधगारेति वा, २. लोगतमसेति वा, ३. देवंधगारेति वा, ४. देवतमसेति वा । २७७. तमुक्कायस्स णं चत्तारि णामधेज्जा पण्णत्ता, तं जहा - १. बातफलिहेति वा, २. वातफलिहखोभेति वा, ३. देवरण्णेति वा, ४. देववूहेति वा । २७८. तमुक्काए णं चत्तारि कप्पे आवरित्ता चिट्ठति, तं जहा- सोधम्मीसाणं सणकुमारमाहिंदं । २७५. तमस्काय के चार नाम हैं- ( १ ) तम, (२) तमस्काय, (३) अन्धकार, और (४) महान्धकार । २७६. तमस्काय के चार नाम हैं - (१) लोकान्धकार, (२) लोकतम, (३) देवान्धकार, और (४) देवतम । २७७. तमस्काय के चार नाम हैं - (१) वातपरिघ, (२) वातपरिघक्षोभ, (३) देवारण्य, और (४) देवव्यूह । २७८. तमस्काय चार कल्पों को घेर करके अवस्थित हैं - (१) सौधर्मकल्प, फ्र (२) ईशानकल्प, (३) सनत्कुमारकल्प, और (४) माहेन्द्रकल्प । 卐 फ्र 275. Tamaskaya (agglomerative entity of darkness) has four names — फ्र (1) tam, (2) tamaskaya, (3) andhakar, and (4) mahandhakar. 5 276. Tamaskaya (darkness) has four names-(1) lokandhakar, (2) lok- 卐 tam, (3) devandhakar, and (4) devatam. 277. Tamaskaya (darkness) has 卐 four names-(1) vaat-parigh, (2) vaat-parigh-kshobh, (3) devaranya, and (4) devavyuha. 278. Tamaskaya (darkness) surrounds four kalps (divine फ சு स्थान (१) (446) Jain Education International சுததகக***************************த*தழில் For Private & Personal Use Only Sthaananga Sutra (1) 卐 5 www.jainelibrary.org

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