Book Title: Agam 03 Ang 03 Sthanang Sutra Part 01 Sthanakvasi
Author(s): Amarmuni, Shreechand Surana
Publisher: Padma Prakashan

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Page 478
________________ 牙牙牙牙牙牙牙牙牙牙5555555555555555555555555 ) ) ) B听听听听听听听听听听听听听听听听听听听F 5555 )) )))) )) १८३. गोरस सम्बन्धी विकृतियाँ चार हैं-(१) क्षीर (दूध), (२) दही, (३) घी, (४) नवनीत है (मक्खन)। १८४. स्नेह (चिकनाई) वाली विकृतियाँ चार होती हैं-(१) तेल, (२) घी, (३) वसा (चर्बी), (४) नवनीत। १८५. महाविकृतियाँ चार होती हैं-(१) मधु, (२) माँस, (३) मद्य, (४) नवनीत। 183. There are four kinds of vikritis (degenerative things; things that on consumption cause physical, mental and spiritual degeneration) among milk products-(1) ksheer (milk), (2) dahi (curd), (3) ghee (clarified butter), and (4) navaneet (fresh butter). 184. There are four ॐ kinds of vikritis among oily things-(1) tel (oil), (2) ghee (clarified butter), 4 (3) vasa (fat), and (4) navaneet (fresh butter). 185. There are four kinds of mahavikritis (highly degenerative things)-(1) madhu (honey), (2) mansa (meat), (3) madya (alcohol), and (4) navaneet (fresh butter). गुप्त-अगुप्त-पद GUPTA-AGUPTA-PAD (SEGMENT OF CONCEALED AND OPEN) १८६. चत्तारि कूडागारा, पण्णत्ता, तं जहा-गुत्ते णामं एगे गुत्ते, गुत्ते णामं एगे अगुत्ते, * अगुत्ते णामं एगे गुत्ते, अगुत्ते णामं एगे अगुत्ते। एवामेव चत्तारि पुरिसजाया पण्णत्ता, तं जहा-गुत्ते णामं एगे गुत्ते, गुत्ते णामं एगे अगुत्ते, * अगुत्ते णाम एगे गुत्ते, अगुत्ते णामं एगे अगुत्ते। १८६. कूटागार चार प्रकार के (पर्वतों पर बने गुप्त घर) होते हैं। जैसे-(१) गुप्त होकर गुप्त-कोई कूटागार परकोटे से घिरा होता है और उसके द्वार भी बन्द होते हैं। (२) गुप्त होकर अगुप्त-कोई है कूटागार परकोटे से घिरा होता है, किन्तु द्वार बन्द नहीं होते। (३) अगुप्त होकर गुप्त-कोई कूटागार परकोटे से घिरा नहीं होता, किन्तु उसके द्वार बन्द होते हैं। (४) अगुप्त होकर अगुप्त-कोई कूटागार न ॐ परकोटे से घिरा होता है और न उसके द्वार ही बन्द होते हैं। इसी प्रकार पुरुष भी चार प्रकार के होते हैं-(१) कुछ पुरुष गुप्त-वस्त्र पहने हुए होते हैं और ॐ उनकी इन्द्रियाँ भी गुप्त (वशीभूत-काबू में) होती हैं। (२) कुछ पुरुष वस्त्र से गुप्त होते हैं, किन्तु उनकी इन्द्रियाँ गुप्त नहीं होतीं। (३) कुछ पुरुष वस्त्र पहने नहीं होते हैं, किन्तु उनकी इन्द्रियाँ गुप्त होती हैं। (४) कुछ पुरुष न वस्त्र पहने हुए होते हैं और न उनकी इन्द्रियाँ गुप्त होती हैं। ____186. Kutagar (concealed house, generally built on a hill) is of four kinds--(1) gupta and gupta (concealed and secret)—a house surrounde by parapet wall and with closed doors, (2) gupta but agupta (concealed and open)—a house surrounded by parapet wall but with open doors, (3)agupta butgupta (not concealed but secret)-a house not surrounded by parapet wall but with closed doors, and (4) agupta and agupta (neither concealed nor secret)-a house neither surrounded by parapet wall nor having closed doors. )) ) )) )) ) )))) )) ) )) ) )))) ) 54))) 5 स्थानांगसूत्र (१) (396) Sthaananga Sutra (1) क 9 步步步步步步步步步步步步步步步步步步步步步步步步步步步步步步步步步步 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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