Book Title: albeli amrapali
Author(s): Mohanlal Chunilal Dhami, Dulahrajmuni
Publisher: Lokchetna Prakashan

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Page 15
________________ ६ अलबेली आम्रपाली और उस समय किसी बालक के रुदन के शब्द उसके कानों से टकराए। वह शब्द की दिशा में गया। उसने देखा, एक आम्रवृक्ष के नीचे एक सुन्दर बालक पत्तों की गोद में सो रहा है। महानाम बालक के निकट गया। उसका गुलाबी लावण्य और चन्द्रमा-सा मुखड़ा देखकर वह स्तब्ध रह गया । ___ उसने तत्काल बालक को उठा लिया ! उसको लगा कि बालक मुश्किल से एकाध मास का है। बालक का शरीर एक कौशेय वस्त्र से ढका हुआ था। महानाम ने उस वस्त्र को ठीक किया और उसने जान लिया कि वह सुन्दरतम कन्यारत्न है। उस कन्या के मुख में आम्र का एक किसलय था । वह उसे चूस रही थी। महानाम का मन विकल्पों से भर गया। उसने सोचा, ऐसी सुन्दर और तेजस्वी कन्या को किसने छोड़ा है? यह कन्यारत्न किसका है? उसने आसपास में देखा। कोई नजर नहीं आया। महानाम ने वाटिका के माली से पूछताछ की, पर कोई जानकारी प्राप्त नहीं हो सकी। ___ महानाम के प्राण आशा से प्रदीप्त हो गए। उसने सोचा, विधाता ने वरदान स्वरूप इस कन्या को यहां भेजा है। वह उस कन्या को हृदय से चिपकाकर दौड़ता-दौड़ता अपने भवन के पास आया। पद्मा उस समय स्नानगृह से निकलकर वस्त्रगृह में गई थी। ___ महानाम सीधा पद्मा के पास गया और बोला- "देख ! विधाता ने हमारे मनोरथ को पूरा कर दिया है।" पद्मा ने स्वामी की ओर देखा। स्वामी के हाथ में टिके हुए रूप के पुंज को देखकर उसके मातृत्व की अभिलाषा नाच उठी। पद्मा ने तत्काल कन्या को स्वामी के हाथ से ले अपने हृदय से चिपका लिया और उसके सिर को उसने बार-बार चूमा : वह चूमती ही रही। सब कुछ भूल-सी गई। दोनों की आशा इस प्रकार पूरी हो गई। ___ आम्रवृक्ष के नीचे प्राप्त होने के कारण तथा आम्र किसलय को चूसने के कारण कन्यारत्न का नाम रखा 'आम्रपाली' । चौदह वर्ष पूर्व की यह घटना थी। कन्यारत्न के भवन में पहुंचते ही सारा भवन प्रकाश से भर गया। अब पद्मा की सारी भावनाएं कन्या को सुसंस्कारित बनाने में उद्यत हुई। आम्रपाली तीन वर्ष की हुई और पद्मा ने महानाम के समक्ष यह बात

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