Book Title: Yatindravihar Digdarshan Part 03
Author(s): Yatindravijay
Publisher: Saudharm Bruhat Tapagacchiya Shwetambar Jain Sangh
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________________ श्रीकच्छभद्रेश्वरतीर्थयात्रालघुसंघवर्णनसहित श्रीयतीन्द्रविहार-दिग्दर्शन। तीन भुवनके विपद-विदारक, तारन-तरन नमस्ते, वसुधातल के निरमल भूषन, दूषन-दहन नमस्ते / तीन लोक के परमेश्वर जिन, विगत-विकार नमस्ते, अति-गंभीर जगत-जलनिधि के शोषनहार नमस्ते // 1 // वृत्वा वैराग्यदीक्षामहितहितहिते बोधयित्वा यतीन्द्रान्, धृत्वा धर्म जिनोक्तं यमनियमयुतं शर्मदं कर्मदारम् / कृत्वा शब्दार्थपूर्ण सकलकविमतं शाब्दराजेन्द्रकोशं, हृत्वा जाड्यन्धकारं जगति विजयतां पूज्यराजेन्द्रसूरिसर विक्रमसंवत् 1990 ज्येष्ठवदि 5 के दिन सियाणा ( मारवाड ) में आचार्य श्रीमद्विजयभूपेन्द्रसूरिजी महाराज की शुभ सेवा में बागरा-निवासिनी सुश्राविका गेनीबाईने अर्ज की कि 'मेरी भावना कच्छ-भद्रेश्वरयात्रा का लघु संघ निकालने की है, उसमें आप भी मुनि परिवार सह पधारने की कृपा करें / ' आचार्य महाराजने फरमाया कि 'तुम्हारी भावना अच्छी है, परन्तु अभी