Book Title: Viroday Mahakavya Aur Mahavir Jivan Charit Ka Samikshatmak Adhyayan
Author(s): Kamini Jain
Publisher: Bhagwan Rushabhdev Granthmala
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वीरोदय महाकाव्य और भ महावीर के जीवनचरित का समीक्षात्मक अध्ययन
विद्वान लेखक डॉ. उपाध्याय ने शक् संवत् सम्बन्धी जैन धारणाओं के आधार पर शक और गुप्त संवत का सम्बन्ध व्यक्त करते हु लिखा है “इस समय से यह ज्ञात होगा कि गुप्त संवत् की तिथि 241 जोड़ने से शक्-काल में परिवर्तन हो जाता है। इस विस्तृत विवेचन के कारण अरूबेरूनी के कथन की सार्थकता ज्ञात हो जाती है। यह निश्चित् हो गया कि शक्-काल के 241 वर्ष पश्चात् गुप्त - संवत् का प्रारम्भ हुआ । ""
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अतः पौराणिक आरव्यानों के आधार पर महावीर की निर्वाण तिथि कार्तिक कृष्णा चतुर्दशी रात्रि का अन्तिम प्रहर, स्वाति नक्षत्र, मंगलवार 15 अक्टूबर ई. पू. 527 है।
सन्दर्भ
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1. तित्थोगालीयपयन्ना गाथा 620-623, हरिवंश पुराण 60 / 487-490 1
2. तिलोयपण्णत्ती भाग 2 गा. 1511 |
3. तिलोयसार, गाथा, 850 |
4. धवलाटीका, जैन सिद्धान्त भवन आरा पत्र, 537।
5. हरिवंशपुराण, ज्ञानपीठ संस्करण 60/551|
6. गुप्त साम्राज्य का इतिहास, भाग 1, पृ. 181 |