Book Title: Viroday Mahakavya Aur Mahavir Jivan Charit Ka Samikshatmak Adhyayan
Author(s): Kamini Jain
Publisher: Bhagwan Rushabhdev Granthmala

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Page 349
________________ 320 वीरोदय महाकाव्य और म. महावीर के जीवनचरित का समीक्षात्मक अध्ययन तयोस्तु सम्मिश्रणमस्ति यत्र कलंकहेमोच्चययोर्विचित्रम् । हेमाश्मनीवेदमनादिसिद्ध संसारमाख्याति धिया समिद्धः ।। 21 ।। -वीरो.सर्ग. 181 सन्दर्भ - 1. उपासका, श्लोक, 491 2. का. पृ. 3021 3. ले. डॉ. सुदर्शनलाल जैन, देव, शास्त्र और गुरू अ. 1. पृ. 6 । 4. उपासकाध्ययन, कल्प 3 | 5. ले. डॉ. सुदर्शन लाल जैन, देव, शास्त्र और गुरू अ. 2. पृ. 27 ।

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