Book Title: Vedant Chintamani
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Page 11
________________ %3D लीलादिकीर्तनात् // 24 // भगवान्ब्रह्मणेदेवर्षयसमुनयेचसः॥प्राकाशयदिदंव्यासःप्रादुश्वकेशुकादिभिः॥ 25 ॥को स्मैयेनेत्यादितत्रानेकत्रैतत्पदृश्यते // अन्यत्स्मृतिपुराणाद्यप्यासीत्तादृग्घरीच्छया // 26 // एवमेतानिचत्वारिसंशयघ्रानिच कमात् // प्रकाशितानिहरिणाजीवानुयहकारिणा // 27 // अनाद्वित्त्वाच्चभगवद्पत्त्वात्सर्वनिर्णये // सर्वथैवप्रमाणं स्यादेषामरक्षमक्षरं // 28 // अन्यदेभ्योबहुतरमविरुद्धंप्रमापकं / / विरोधीन्यप्रमाणानिमोहशास्त्राणिसृष्टये // विरुद्धधर्माचित्यंतत्परोक्षंमहदद्भुतं / अलौकिकेनशाब्देनज्ञातुमेतेनशक्यते // 30 // यद्यदिष्टंतुतत्सर्वंयद्वशेमृत्युरप्यसौun अवश्यमेवज्ञातव्यंतढुःखातिनिटत्तये // 31 // (स्कंध 11) लब्ध्वासुदुर्लभमिदंबहुसंभवान्तेमानुष्यमर्थदमनित्यमपीहधी HH // तूफयतेतनपतेदनुमृत्युयावन्निःश्रेयसायविषयःखलुसर्वतःस्यात् // 32 // नजन्मनःप्रापितरौनापत्यंमृत्यनंतरं // न स्वीस्वीयाविवाहाबाक्तस्मात्तन्ममतास्था // 33 // विकीतगृहषादौनष्टेदुःखनजायते // अविक्रीततजायेतममतातत्रका रणं // 34 // देवदत्ताभिधेदेहेमध्येऽहमितिमन्यते // क्षणांतरेमृतौदेहःक्ववाजीवःक्वगच्छति // 35 // करोत्यघंकुटुंबाथै| मृतेतद्रोदितिक्षणं // नसहायस्तदादूतैर्यदानीयेतयातनां / / 36 // प्रियास्त्रीतनयागेहंधनाद्यत्रैवतिष्ठति // देहोऽपिकितया प्रत्येकःपापपुण्यसहायवान् // 37 // मुनिभिःसर्वगतिभिःवस्थानांयहणादिकं // यथातथाऽधोलोकस्यगतयोऽपिविनिश्चिा ताः // 38 // देहेऽहंताचगेहादौममतामाययातुया / तेसंसारोट्र्थतजंरागवैरादिकंत्यज / / 39 // सदासंबंधिनसर्वदुःखनं / / द्वादशस्कंधे कस्मैवेनविभासितोयमतृलोज्ञानप्रदीपःपुरेत्यादि 2 ब्रह्म

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