Book Title: Vedant Chintamani
Author(s):
Publisher:
View full book text
________________ वेचित्तेतेजोलीयेततेजसि // श्वासादिरूपोयोषायुःसोऽवशिष्टस्तुतंविशेत् // 31 // आकारबद्धआकाशस्तत्तिरोधानतोगतः०५ जलंतेजसिभूमौवाभूमि स्मादिरूपतः // 32 // वियुक्तान्यपिविद्यतेसंज्ञायाअप्रनितः // संयोगस्याभिधेयत्वान्नष्टोऽसा 4 वितिगद्यते // 33 // मुक्ताभिर्यथ्यतेमध्येनिधायपदकान्यपि // गुणस्तेषांससंयोगोहारइत्यभिधीयते // 34 // मुक्तादीनां वियोगे नहारसंज्ञाप्रवर्त्तते // संयोगविगमावेवतौनकस्यापिहिक्षयः // 35 // यथाकीडोपस्कराणांसंयोगविगमाविह॥ इच्छयाक्रीडितुःस्यातांतथैवेशेच्छयानृणां // 36 // इत्युक्तंप्रथमेस्कंधेतृतीयेपिविवेचितम् // तन्निरोधोऽस्यशयनमावि Tर्भावस्तुसंभवः // 37 // कार्यकारणरूपेणतिरोभावेतुविद्यते // आविर्भावततपंतदिच्छातोविभिद्यते // 38 // सएवप्रोया तेहार:पुनःप्रोतंयदीष्यते / / आविष्कुर्यात्तमेवबंदेहमिच्छेद्यदीश्वरः // 39 // मद्रिकानिष्ठमाणिक्यंकंडलेजटितंयथा // परी भवानीशितु वस्तjयातितथेतरां // 40 // वासांसिजीर्णानियथाविहायनवानिगृह्णातिनरोऽपराणि // तथाशरीराणिवि हायजीर्णान्यन्यानिसंयातिनवानिदेही // 41 // मुद्रिकायामिद्रमणिस्तस्यांजट्यतइच्छया॥ परकायप्रवेशादौजीवस्या वस्थितिस्तथा // 42 // तस्यांतदेवमाणिक्यंशक्यतेजटितुंपुनः॥ तथाविर्भाव्यतानेवक्वचिद्दर्शयतिप्रभुः // 13 // भारते। दर्शिताःसर्वेप्रादुर्भाव्यतएवहि // व्यासद्वारातुतत्स्पष्टंपर्वण्याश्रमवासिके // 14 // सर्वेभवंतोगच्छंतुनदीभागीरथीप्रति॥ ततोद्रक्ष्यथसर्वांस्तान्येहताःस्मरणाजिरे // 45 // ततःसर्वेसदारास्तत्रगत्वावगायरात्रौव्यासाश्रमंजग्मः // ततोव्यासोमहाते 1 परतंत्रः RA

Page Navigation
1 ... 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103