Book Title: Vedant Chintamani
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________________ SABA वेचिं. ममा स्थापनेश्रद्धास्वतःसंहत्यचोयमइत्यादिभिः // गुर्वाज्ञोक्तप्रकारेणसदासेवेतसंस्मरेत् // कीर्तयेत्तद्भक्तगीनःसंच्छा 14015 स्वैःशृणुयात्परं / / 144 // यथाधिकारंलीलास्ताःक्रमशोभावयन्दृढम् // निःसाधनोऽपितात्मादिर्दैन्यात्याणेश्वरंश्रितः lillu145 // सर्वदादेहगेहादौतदेकार्थत्वभावनः॥ (स्कंध 7) // यस्तआशिषआशास्तेनसभृत्यःसंवैवणिक // 146 // इत्यायुक्त्यासुनिष्कामोभृत्यभावादकैतवः // सर्वलौकिककर्माणिताटस्थ्येनैवनाटयन् // १४७॥लाभालाभौसमौकुर्वन् / समन्वानस्तद्वशंजगत् // विवेकधैर्य्याश्रयादियुक्सञ्चितनतत्परः॥१४८॥पत्रेकृष्णप्रियेप्रीतोनप्रीतस्तत्परामरखे // उदासीने / स्वयंकुर्वन्प्रतिकूलेगृहंत्यजन् // 149 // वर्तेतवैष्णवाचारैःश्रीमदाचार्य्यदर्शितैः।सप्रमाणैर्गुरोभक्तोजिज्ञासुस्तन्मुखाच्छ्रुतेः / / // 150 // गृहादिबाधकंयत्तत्तत्परत्वेनयुंजतः // सर्वात्मनाचाजतोभवेत्प्रत्युतसाधकं ॥१५१॥(स्कंध 5) // भयंप्रमत्ता स्यवनेष्वपिस्याद्यतःसआस्तेसहषट्रसपत्नः // जितेंद्रियस्यात्मरतेव॒धस्यगृहाश्रमःकिनकरोत्यवद्यम् // 152 // उपदेशवादे ब्रह्मवैवर्तब्रह्मखंडीयैकादशाध्यायेनारदंप्रतिब्रह्मवाक्यानि ॥वैष्णवानांहरेर तपस्याचौथता // वैष्णवस्त्वंगृहनि करुकृष्णपदार्चनं // 153 // अंतर्बाह्येहरिय॑स्यकितस्यतपसासुत // नांतोिहरिय॑स्यकितस्यतपसास्था // 154 // पसाहरिराराध्योनान्यःकश्चनवियते // यत्रतत्रकृतंकण्णसेवनंपरमंतपः॥ 155 // इत्यादीनि // निवेदिभिःसमप्यवस संस्कृतैःमाहतैश्चकीर्तयेत् 2 वेदब्रह्मसूत्रभागवतादिशास्त्रैःपुरुषोत्तमंशृणुयात् 3 विवेकस्तुहरिःसर्वनिजेच्छातःकरिष्यतीत्यादिनाश्रीमदा नाचार्योक्तः 1 गुरुमुखाच्छूतेःसकाशात् 5 भगवन्मात्रीपयोगित्वेन 6 भगवति भक्तिमतः अपरोक्षज्ञानिनः 8 कृतात्मनिवेदनैःसहसर्वकुर्यात्

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