Book Title: Vedant Chintamani
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________________ वाङ्मयम् / / योजयित्वाशिवपरंविशिष्टाद्वैतमैरयन् // 2 // निर्गुणंस्यात्परंब्रह्मश्रुतेर्निर्गुणमुक्तिरुत् / / शंभोस्तमःप्रधानस्य / ब्रह्मत्वंनतंथोचितम् // 3 // निर्गुणःस्यात्परशिवोव्यूहादिस्थोगुणीतिचेत् // नसूतसंहितादौवःसगुणःसोऽपिकथ्यते // 4 // र उमार्द्धविपहःश्रीमान्सोमार्द्धकतशेखरः॥ ब्रह्मविष्णुमहेशानैरुपास्यःपरमेश्वरः // 5 // ऋतसत्यंपरब्रह्मपुरुषंसांबमी / श्वरं // अष्टमेनवमेऽध्यायेतन्महोपक्रमात्स्फुटं // 6 // महेशानोपास्यलिंगाबाक्येपरशिवःस्फुटः // साहित्यात्सर्वदाश शकेःसगुणत्वंदृढीकतं // ७॥शक्तेःपरस्वरूपेऽपितेद्रहस्यनिरूपितम् // सर्वस्यायामहालक्ष्मीस्त्रिगुणापरमेश्वरी // 8 // ( स्कंध 10 ) शिवःशक्तियुतःशश्वबिलिगोगुणसंटतः // वैकारिकस्तैजसश्चतामसश्चेत्यहंत्रिधा // 9 // ततोविकारा अभवन्षोडशामीषुकंचन / / उपधावन्धिभूतीनांसर्वासामभुतेफलं // 10 // हरिर्हिनिर्गुणःसाक्षात्पुरुषःप्रकतेःपरः // स सर्वदृगुपद्रष्टातंभजन्निर्गुणोभवेत् // 11 ॥श्रीमद्भागवतेऽप्युक्तं सगुणत्वंशिवस्यतु // वैष्णवांनांयथाशंभुक्तिःपरशिवः / परम् // 12 // व्युहवर्तीतुसंहारशक्तिकार्येनिरूपितः // तत्पायब्रह्मवैवर्तपंचरात्रादिवाक्यतः // अनेकदागश्चमया न्यत्रप्रपंचितं // कृष्णएवपरब्रह्मसदानंदस्तथाश्रेतिः॥ 13 // कृषि वाचकःशब्दोणश्व निर्दतिवाचकः॥ तयोरैक्यं परंब 1 ब्रह्ममीमांसाभाष्यशिवतत्त्वविवेकलिंगार्चनचंद्रिकादिषु 2 अतितः 3 चरमकोटिक विभूतित्वेनतूचितमेवेतिभावः 1 अष्टमाभ्यायस्थ मिदं 5 नवमाध्यायस्थमिदं 6 तांत्रिकोयंरहस्यभागःसमशतीपामेत्तरंपच्यमानःमसिद्धः * त्रिगुणात्मकत्वमुक्तं 8 द्वादशस्कंधस्थोयंचरणः 9 तापनीयस्था

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