Book Title: Vedant Chintamani
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________________ स्ततः / आष्यप्रकाशेतद्वादोविस्तरात्पुरुषोत्तमैः।।२६ // शाक्ताजगदुपदानंजल्पत्यल्पश्रुताहरिम् // कल्पयंतिनिमित्तंच शक्तितापरतःपराम् // 27 // देवीसूक्तादिनाश्रुत्यामाकडे यादिषूदितं / विशेषतश्वतंत्रेषुतत्स्वरूपंनिरूप्यते // 28 // तां| परांकारणंप्राहसप्तशत्यांस्तुवन्विधिः॥ परापराणांपरमात्वमेवपरमेश्वरी॥ 29 ॥त्वयैतद्धार्यतेविश्वंत्वयैतत्सृज्यतेजगत्॥ त्वयैतत्पाल्यतेदेवित्वमत्स्यंतेचसर्वदा // 30 // इतिचेच्छ्रयतांमूढशक्तयोब्रह्मणस्तुयाः // तदभिन्नाश्वतद्रूपाःश्रुर्त्यांपूर्वनि रुपितं // 31 // गंणात्मकमचिपंप्ररुतिःसृष्टिकालिकं // शक्तिप्रकृत्योर्दुर्गातुविभतिःकार्यमिष्यते॥ 32 // रत्यै बिभि सुनासर्वास्तिरोभाव्यापितेनताः // तैदशाःस्व विभूतिभ्योदत्ताःकेचनकेचन // 33 // आदायामरशक्तीनामंशान्सी / 1 निर्मितापुरा // महिषासुरनाशायेत्यस्यास्तच्छक्तिकार्यता // 34 // मुख्यत्वेनगुणाश्चांशास्त्रिगुणोपाधिधारिणाम् // याणामागतार्त।त्यस्याःप्रकृतिकार्यता // 35 // कार्याणिकार्यरूपायांशक्तीनांप्रकृतेरपि // ततोऽस्यामपचर्या तिमाहात्म्यख्यातयेक्वचित् // 36 // उक्तंद्वितीयेऽध्यायेतत्सप्तशत्याःसमोहितः // प्रथमाध्यायनान्तस्तट्टीकायांम| यापुनः // 37 // देवी सूक्तस्वमाहात्म्यंदे व्यवोत्वाततोमम // योनिरस्वतःसमुद्रइत्युक्ताहरिकार्य्यता || 38 // 1 तांशीक्तचपरात्परांकल्पयंतीतिपृथग्वाक्यं 2 पुराणभागेषु 3 शक्तिवरूपं 4 परास्यशक्तिरित्यादिरूपया 5 इतीतिशेषः 6 सत्वादिरूप रमणार्थमात्मानंभेत्तुमिच्छता नानारूपंचिकीर्षतेतियावत् 8 कार्येषु 9 ब्रह्मणा 10 सर्वाःखालौकिकशक्तीः 11 वशक्त्यंशाः १२दुर्गा 13 ब्रह्म | विष्णुमहेश्वराणां 14 देव्यां 15 इदमुत्तरान्वयि१६ऋग्वेदमसिद्धे 17 ब्रह्मरुद्रात्पादकत्वादिरूपं 18 इदंकर्तृपदंउक्तेत्यनेनान्वेति 19 अहमेवरचय | मिदंवदामिजष्टदेवेभिरुतमानुषेभिरित्यादिनाका

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