Book Title: Vedant Chintamani
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Page 36
________________ RON . 11 // अतएवनमालिन्यमैश्वाननियम्यता / व्यानेःपरिमितिनवमेतदपाकताकति // 12 // सर्वाकाराश्रयत्वंच / श्रतयोऽवर्णयन्समः // मशकेनसमोनागेनेत्यायास्तद्वि त्वतः॥१३॥प्रारुतंपरिमाणादिपांचभौतिकतादिकं / / तस्या स्थूलमनण्वादिश्रुतिभिःप्रतिषिध्यते // 14 ॥कियासुफलसंदेहोदेहेऽभिमतिरज्ञता / / ऊर्मयोलोकनिष्ठानांदोषांइत्यादयो | मताः॥१५॥ निष्फलंनिषक्रियंशांतंनिरवयंनिरंजनं // इत्यादिश्रुतयःसर्वन्यषेधस्तत्सदूषणं // 16 // तस्यपाकतशूर न्यत्वंतथाभागवतादिषु / (स्कंध 10 अध्याय 1.) गृह्यमाणैस्त्वमग्रारोविकारःप्राकृतैर्गुणैः।। १णाश्वेताश्वतरादौ अपाणिपादोजवेनोग्रहीतापश्यत्यचक्षुः संशृणोत्यकर्णः / / सबैत्तिवेद्यनचतस्यवेत्तातमाहुरय्यपुरुषमहांतं // १८॥पाणि पादनिषेधेऽपिगमनपहणोक्तितः॥ अस्मदादिसमंन्यूनंप्रारुप्रतिषिध्यतंत्॥१९॥विधीयतेश्रुतौसर्वाःसर्वशक्तेःक्रिया वाः // सर्वत्राबाधितंज्ञानंचैवंसर्वविदोखिलं॥ 20 // श्रुतौपंचरात्रेच॥निर्दोषपूर्णगुणवियहआत्मतंत्रोनिश्चेतनात्मकशरी | रगणैश्वहीनः // आनंदमात्रकरपादमुखोदरादिसर्वत्रचत्रिविधभेदविवजितात्मा // 21 // नियताकारकायंत्वन्योन्यबा धक्षयादयः // दोषागुणेषुदेहेषुप्रारूतेषुतदिच्छया // 22 // आनंदमात्राकारःसनिर्दूषणगुणाश्रयः // निर्दोषषियहः / स्यान्निश्चेतनाप्रकृतिर्जडा // 23 // नपाकतायुणास्तस्यनशरीरेंद्रियादिकं // इत्युक्तंभगवच्छास्त्रेयाज्ञवल्क्यस्मृताव 1 लोकवत्परिच्छेदः 2 समोमशकेनेतिबृहदारण्यके साम्यंचतत्तन्निष्ठा कारवत्त्वेन 3 कामक्रोधादयः 4 क्रियादिकं 5 गंता पाण्या द्विकं स्वगत 8 निर्दोषपूर्णेतिवचने 9 पंचरात्रे

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