Book Title: Vedant Chintamani
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________________ जीवजडौशरीरेचित्यऽचित्यपि // विलीयेतेनामरूपाऽविभागेनप्रवेशतः // 20 // वस्तुतोभिन्नमेवैतद्ब्रह्मणश्चिदचित्सदा // स्वरूपतःस्वभावाद्यैःशरीरत्वाद देवाक् // 21 // सूक्ष्मेचिदचितीब्रह्मतत्त्वानित्रीणिकारणे // स्थूलेंतेचतदंतस्थःकार्यतत्त्व त्रयंमतम् // 22 // तत्स्थूलसूक्ष्मचिदचिद्विशिष्टकार्यकारणे / / कमात्तयोरदस्तुविशिष्टाद्वैतमीर्यते // 23 // चिच्छरीरे Pणचित्कार्यस्याचितोचिच्छरीरतः // अंतस्थेनपरस्यैक्यंनत्रयाणांपरस्परं // 24 // अस्मन्मतेपिजेदश्वेजडजीवांतरात्म नां // निबंधेतन्मतंतत्त्वत्रयस्यादितिचेन्नहि|२५|| जडोजीवोंतरात्मेतिकार्यमेवत्रिधामतं // कारणंत्वेकमेवेदमद्वैतैकरसंपर F॥२६॥सबहुस्यांप्रजायेयतीच्छामूल:परस्परा।कार्यमात्रत्वतोभेदस्तेषांघटशराववत्॥२णाननित्योवास्तवस्त्वेषांभेदःकुड्य कुमूलवत्।।मृत्त्वेनाभेदवत्तेषामभेदोत्रास्तिवास्तवः।। २८॥सर्वपुरुषएवेदनेहनानास्तिकिंचनामृत्योःसमृत्युमामोतियइहां नानेवपश्यति ॥२९॥द्वैतदृष्टेद्वितीयोवैभयंभवतिसर्वथा ॥आत्मेतिपगच्छंतियाहयंतिचतद्विदः // 30 // बृहदारण्यके। रुषविधब्राह्मणे // (पृ. 215) तद्योयोदेवानांप्रत्यबुत्थ्यतसएवतदभवत्तथाऋषीणांतथामनुष्याणांतद्वैतत्पश्यन्ऋषि / मदेवःप्रतिपेदेहंमनवमूर्यश्चेति तदिदमप्यताहियएवंवेदाहंब्रह्मास्मीतिसइद सर्वभवति तस्यहनदेवाश्चना 1 नामरूपविभागोच्छेदकात्मवेशात् 2 पंचमीयं३ सृष्टिप्राक्काललयोत्तरकालयोरपिनाभेदहातभावः 4 इमेभेदेहेतवः 5 ब्रह्माभेदीक्तिस्तयोः / शरीत्वाभिमायादौपचोरिकी 6 चिदचिती 7 जडजीवांतर्यामिणां 8 घटादोनां ९जडादिषु 10 अनौपचारिकः 11 कठस्थवाक्यद्वयं१२ बृहदारण्य स्फुटमिदं 13 (अ.४ पा. 10 ३याहयंतिचेत्यतंसूत्र

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