Book Title: Vedant Chintamani
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________________ टइतीरणा // 14 // पृथूदरत्वायाकारःसमयस्तुतिरोहितः // भिन्नभिन्नापआकारादृश्यतेऽवयवेषुते // 15 // पूर्वाकारांश भूनाहिघटस्यशकलाइव / तेषामपितिरोधानंयदाणुत्वंभवेत्तदा // 16 // वस्तुनोविद्यमानस्यजीवानुभवयोग्यता // आ विर्भावस्तिरोभावोऽतोऽन्यथेतिहिलक्षणं // 17 // आविर्भावतिरोभावावुत्पत्ति शइत्यपि // शास्त्रविद्भिविकल्प्येतेविदु ब्रह्मविदस्तुतौ // 18 // तदेतदक्षयंनित्यंजगम्मुनिवराखिलं॥ अविर्भावतिरोभावजन्मनाशविकल्पवत् ॥१९(अध्याय२२ लो०५९) इतिविष्णुपुराणेपिप्रथमांशेनिरूपितं // उक्तंभागवतेप्येतद्दशमेहरिणास्वयं॥२०॥खवायुयॊतिरापोभूस्तक / यथाशयं / / आविस्तिरोऽल्पोभूर्यकोनानात्वंयात्यसाबपि // 21 // छांदोग्येतस्यैवंविजानतएवंमन्वानस्येत्युपक्रम्य // आ विर्भावतिरोभावावात्मनोऽन्नमात्मनइतिश्रूयते // 22 // स्पष्टश्रुत्यंतरेकेनबृहदारण्यकादिमे // मार्कडेयपुराणेपितुर्येध्याय| PALIनिरुप्यते // 23 // (श्लो०३९) आविर्भावतिरोभावदृष्टादृष्टविलक्षणम् // वदंतियत्सृष्टमिदंतथैवान्लेचसंहतम् // पराणेब्रह्मवैवर्तेखंडेश्रीकृष्णजन्मनः // एकवितथाध्यायेनंदादीन्रुष्णआहतत् // 25 // (श्लो०९)स्थानेस्थाने थिव्यांचकालेकालेयथोचितम् // ईशेच्छयाविर्भूतंहिनभवेत्प्रतिबंधकं ॥२६॥तथा।। (श्लो० 121) ब्रह्मांडवाकतिविधमा विर्भूतंतिरोहितम् // विधेयावाकतिविधास्तस्यभूभंगलीलया // 27 // देहोपिपंचभूतेभ्यआविर्भूतस्तदिच्छया // योगो योग्यभागानांतेषांतत्ताहगाकतेः // 28 // कर्मानुसारतोजीवस्तावत्कालंभुनक्तितं // व्यवहारास्तदातस्मिन्स्युर्मनुष्यगा। वादयः // 29 // परतंत्रःसतांत्यत्वायदादेहांतरंबजेत् // वियुज्यंतेदह्यमानेदेहेतान्यारुतिस्तथा // 30 // आकारस्तुतिरो।

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