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और भलवान महावीर
शुभतर प्रभात बेला यो कहते ही जा हैं खग। माङ्गलिक प्रभाती से,
विनाला कहती 'मुन्ना जग। Hो का मुश्त लह लगता, सो निन्य नियमवत करता। पर मेरिट सिद्ध को बन्दम,
मात्र लिन
हर सा .
प्रतिनील रीझ कर देते। शिरमान मुख पर भी
स मलनकम, pprnनननन ।
कृत्यों से : रन-काल.... हैं, मटा दिया दाते , बरसाते मोद भरा घर ॥