________________
तोर संग : शिशुभार ना कप-तर रोसें, आंगन में बाग लगाते ॥
अथवा लेकर में लकड़ी, हैं छोड़ा से बनाते । फिर चारों प्रोर छिप्रतम, हैं दौड़ दौड़ दौड़ाते ।
बद्ध मान की बाल सुभ में,
शुक्र चेष्टाए, हृदय मोहतों ।। उनकी तुच्छ क्रियाओं से भी.
मौलिक बातें अमित सोहतों ।।