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जैन जगत् : १७७
साहित्यावदान से समाज को अवगत कराने में उन्होंने अद्वितीय भूमिका निभाई। बांठिया जी ने बीकानेर स्थित डॉ० टेस्सीटोरी के विस्मृत समाधि स्थल की न केवल खोज की बल्कि उसे एक दर्शनीय स्थल के रूप में परिणित कराने में अपूर्व भूमिका निभाते हुए एक विदेशी भारतीय भाषाविद् को देश की ओर से सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित की।
बांठिया जी द्वारा स्थापित सामाजिक, धार्मिक और शैक्षणिक संस्थाओं को जीवन्त बनाये रखते हुए उनके कार्यों को आगे बढ़ाना ही उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि होगी। प्रो० प्रेमसुमन जैन का भव्य अभिनन्दन
उदयपुर ३१ जनवरी : जैन धर्म-दर्शन तथा प्राकृत भाषा और साहित्य के लब्धप्रतिष्ठ विद्वान् प्रो० प्रेमसुमन जैन के सम्मान में मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय, उदयपुर के एम०बी०ए० महाविद्यालय के सभागार में ३१ जनवरी २००४ को एक भव्य अभिनन्दन समारोह का आयोजन किया गया। इस अवसर पर उन्हें एक अभिनन्दन ग्रन्थ 'पाहुड' भी भेंट किया गया। इस ग्रन्थ का लोकार्पण समारोह मुख्य अतिथि कारलेटन विश्वविद्यालय, कनाडा के प्रो० जगमोहन हुमड़ ने किया। हरिद्वार में संक्रान्ति महोत्सव सम्पन्न
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हरिद्वार १४ मार्च : श्री आत्म-वल्लभ-समुद्र-इन्द्र पाट परम्परा के वर्तमान गच्छाधिपति पूज्य आचार्य श्री विजय रत्नाकर सूरि जी महाराज ठाणा ३ एवं साध्वी श्री रक्षितप्रज्ञा जी म०सा० ठाणा २ की पावन निश्रा में श्री चिन्तामणि पार्श्वनाथ जैन श्वेताम्बर तीर्थ हरिद्वार की पुण्य भूमि पर संक्रान्ति महोत्सव का भव्य कार्यक्रम हर्षोल्लासपूर्वक सम्पन्न हुआ। इस अवसर पर देश के विभिन्न भागों से बड़ी संख्या में पधारे हुए भक्तजन उपस्थित थे।
भगवान् महावीर फाउन्डेशन, चेन्नई द्वारा जैन धर्म की उत्कृष्ट पुस्तकों पर राष्ट्रीय पुरस्कार २००३ घोषित
भगवान् महावीर के २६०० वें जन्म शताब्दी वर्ष महोत्सव के अवसर पर भगवान् महावीर फाउन्डेशन, चेन्नई द्वारा जैन धर्म-दर्शन की सर्वश्रेष्ठ पुस्तक पर राष्ट्रीय पुरस्कार प्रतियोगिता २००३ आयोजित की गयी थी। देश भर से प्राप्त जैन धर्मदर्शन की पुस्तकों में से विद्वत् मंडल की संस्तुति के अनुसार निम्नलिखित पुस्तकों को पुरस्कृत किया गया है
(क) हिन्दी कृति -
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जैन धर्म की सांस्कृतिक विरासत
प्रोफेसर डॉ० प्रेमसुमन जैन,
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उदयपुर (राज०)
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