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१९४ : श्रमण, वर्ष ५५, अंक १-६/जनवरी-जून २००४
प्राप्तिसाभार श्रीअनुयोगद्वारसूत्र (पूर्वार्ध) व्याख्याकार - श्रमण संघ के प्रथम आचार्य श्री आत्मारामजी म० के सुशिष्य श्री ज्ञान मुनि; प्रकाशक - श्री शालिग्राम जैन प्रकाशन समिति, जैन स्थानक, कचहरी रोड, राजपुरा, पटियाला, पंजाब, आकार - रायल; प्रथम संस्करण - १९९० ई०; पृष्ठ ४८+८३६; मूल्य - २००/- रुपये।
__ अनुयोगद्वारसूत्र (उत्तरार्ध); व्याख्याकार - श्री ज्ञानमुनि; प्रकाशक - पूर्वोक्त; आकार - रायल, प्रथम संस्करण १९९० ई०; पृष्ठ १४+९९१; मूल्य २००/- रुपये।
अन्तकृद्दशाङ्गसूत्रम्, व्याख्याकार - आचार्य आत्मारामजी महाराज, संपादकआचार्य शिवमुनि जी म० सा०; प्रकाशक - आत्म ज्ञान श्रमण शिव आगम प्रकाशन समिति, लुधियाना एवं भगवान् महावीर रिसर्च एण्ड मेडिटेशन सेंटर ट्रस्ट, नई दिल्ली; नवीन संस्करण - जुलाई २००३ ई०; आकार - रायल; पृष्ठ ३१+४९६; मूल्य३००/- रुपये।
श्री उपासकदशाङ्गसूत्रम्, व्याख्याकार - आचार्य आत्माराम जी महाराज, संपा० - आचार्य शिवमुनि जी म०सा०; प्रकाशक - पूर्वोक्त; नवीन संस्करण जनवरी २००३ ई०; आकार - रायल; पृष्ठ - ३९९; पक्की बाइंडिंग; मूल्य ३००/- रुपये।
श्री अनुत्तरोपपातिकदशासूत्रम्, व्याख्याकार - आचार्य आत्माराम जी महाराज; संपा० - आचार्य शिवमुनि जी म.सा०; प्रकाशक - पूर्वोक्त; द्वितीय संस्करण२००३ ई०; आकार - रायल; पृष्ठ २०+११२; मूल्य - १००/- रुपये।
श्री उत्तराध्ययनसूत्रम् (प्रथम भाग, १ से १३ अध्ययन); व्याख्याकार - आचार्य शिवमुनि जी म०सा० प्रकाशक - पूर्वोक्त; द्वितीय संस्करण - २००३ ई०; आकार - रायल; पृष्ठ ४७४; पक्की बाइडिंग; मूल्य - ३००/- रुपये।
श्री उत्तराध्ययनसूत्रम् (द्वितीय भाग, १४ से २५ अध्ययन); व्याख्याकार आचार्य आत्माराम जी महाराज; संपा० आचार्य शिवमुनि जी म०सा०; प्रकाशक पूर्वोक्त; द्वितीय संस्करण - २००३ ई०; आकार - रायल; पृष्ठ - ४८६; पक्की बाइंडिंग; मूल्य ३००/- रुपये।
श्री उत्तराध्ययनसूत्रम् (तृतीय भाग, २६ से ३६ अध्ययन); व्याख्याकार आचार्य आत्माराम जी महाराज; संपादक - आचार्य शिवमुनि जी म० सा०; प्रकाशकपूर्वोक्त, द्वितीय संस्करण २००३ ई०; आकार - रायल; पक्की बाइंडिंग; पृष्ठ ४९०; मूल्य ३००/- रुपये।
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