________________
अर्थ :- एटलीवारमा सागर शेठे ते सुमति निमित्तियाने पुण्यु के मारी पुत्री श्रीकांतानो पति कोण थशे ? हिन्दी अनुवाद :- इतनी ही देर में सागर शेठ ने उस सुमति नैमित्तिक को पूछा कि "मेरी पुत्री श्रीकान्ता का कौन पति होगा?" गाहा :
नैमित्तिकनो उत्तर वज्जरई तओ सुमई कसिण-भुयंगेण डसियमेयं जो ।
उज्जीविस्सइ सो च्चिय भत्ता धूयाए ते होही ।।१४५।। छाया:
कथयति ततः सुमतिः कृष्ण-भुजगेन दष्टामेतां यः ।
उज्जीविष्यति स एव भर्ता दुहितुस्तव भविष्यति ॥१४५॥ अर्थ :- त्यार पछी सुमतिए का, “काळा सर्प बड़े इंशायेली श्रीकांताने जे जीवाडशे ते तारी पुत्रीनो भरथार थशे।" हिन्दी अनुवाद :- तत्पश्चात् सुमति ने कहा, "कृष्ण सर्प से दंशित श्रीकांता को जो जीवन प्रदान करेगा वह तेरी पुत्री का स्वामी बनेगा।" गाहा :
नैमित्तिकनी विदाय एवं च पुच्छिऊणं उचियं काऊण तस्स उवयारं । पट्ठविओ नर-वइणा जहागयं पडिगओ सुमई ।।१४६।।
छाया:
एवं च पृष्ट्वा उचितं कृत्वा तस्योपचारम् ।
प्रस्थापितो नरपतिना यथागतं प्रतिगतः सुमतिः ॥१४६॥ अर्थ :- आ प्रमाणे पूछीने तेनो उचित विनय करीने राजा द्वारा विदाय अपायेलो ते सुमति जेवी रीते आवेलो हतो तेवी रीते पाछो गयो। हिन्दी अनुवाद :- इस प्रकार राजा द्वारा उचित सम्मान प्राप्त कर वह सुमति जिस प्रकार आया था, उसी प्रकार लौट गया। गाहा :
तत्तो य भणइ मंती सोहणमहुणा नरिंद! संजायं ।
ता इण्डिं तब्भणिए कायव्यो उज्जमो होइ ।।१४७।। छया :
ततश्च भणति मन्त्री शोभनमधुना नरेन्द्र ! संजातम् ।
तस्मादिदानी तद् भणिते कर्तव्य उधगो भवति ।।१४७॥ अर्थ :- अने त्यार पछी मन्त्रीए कहा, “हे राजन् ! हमणां बधुं सुन्दर थयु छे। तेथी निमित्तियाए कह्या प्रमाणे हवे आपणे उधम फरवो जोइए।" हिन्दी अनुवाद :- और बाद में मन्त्री ने कहा - "हे राजन् ! फिलहाल सब अच्छा ही है, अतः नैमित्तिक के कथन में उद्यम करना चाहिए।
43
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org