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हिन्दी अनुवाद :- "कमलावती का रूप चित्रपट पर तुरंत बनाओ" मैंने कहा - "जैसी आपकी आज्ञा" ऐसा कहकर बहुत अच्छे रंगों से उनका चित्र बनाया। गाहा :
देक्खालियं च रनो साइसयं पेक्खिऊण सो तुट्ठो । भणिओ य अहं रन्ना एत्थत्थे तं सि उचिउत्ति ।।१५२।।
छाया:
दर्शितं च राज्ञः सातिशयं प्रेक्ष्य सन्तुष्टः ।
भणितश्चाहं राज्ञाऽत्रार्थे त्वमसि उचित इति ॥१५२।। अर्थ :- अने ते चित्र राजाने बताव्यु अने राजा मारी सुन्दर चित्रकळाने जोईने प्रसन्न थया अने राजाए मने कहयु-“आ योग्यवर शोधवाना विषयमां तुं ज योग्य छ।" हिन्दी अनुवाद :- और राजा ने उस चित्र को तीक्ष्णता से देखा और मेरी मनोहर चित्रकला को देखकर प्रसन्न होकर मुझे कहा - "इस योग्य पति की खोज के लिए तुम्ही योग्य हो।" गाहा :
चित्तगर-वेसधारी एवं घेत्तूण सव्व-राईणं । दंसेस, जस्स मुच्छा जायइ एयं पुलोएउं ।।१५३।। सो मह साहेअव्वो सिग्घं आगम्म, जेण तस्सेव । महया उवयारेण दिज्जइ कमलावई एसा ।।१५४।।
• जुग्गम्
छाया:
चित्रकार-वेशधारी (सन्) एतद् गृहीत्वा सर्वराजभ्यः । दर्शय, यस्य मूर्छा जायते एतद् प्रलोक्य ।।१५३।। स मह्यं कथितव्यः शीघ्रमागत्य येन तस्मैप्टव । महतोपचारेण दीयते
कमलावत्येषा ||१५४।। अर्थ::- चित्रकारनो वेष धारण करीने आ चित्र लइने नुं बधा राजाओने बताव, जे राजाने आ चित्र जोड़ने मूर्छा आवे त्यारे ते जोड़ने जल्दीथी तारे आवीने मने ते वात कहेवी जेथी मोटा उत्सवपूर्वक आ कमलावती तेने अपाय।" हिन्दी अनुवाद :- चित्रकार के वेष में तू इस चित्र को लेकर सभी राजाओं को दिखाना, यदि कोई राजा इस चित्र को देखकर मूर्छित हो जाय तब मुझे शीघ्र ही समाचार देना, जिससे महोत्सव सहित कमलावती उसे अर्पित की जाय।" । गाहा :
राजानी आज्ञाथी चित्रकारनुं प्रस्थान एवं रण्णा भणिओ तत्तो पणमित्तु तस्स पय-कमलं । कइवय-परियण-सहिओ कुसग्गनयराउ नीहरिओ ॥१५५।।
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