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श्रीमद्धनेश्वरसूरिविरचितं सुरसुंदरीचरिअं
(प्रथम परिच्छेद)
मुनिश्री विश्रुतयशविनयकृत संस्कृत छाया, गुजराती और हिन्दी
अनुवाद सहित
पार्श्वनाथ विद्यापीठ, वाराणसी
२००४
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