Book Title: Satyartha Chandrodaya Jain arthat Mithyatva Timir Nashak
Author(s): Parvati Sati
Publisher: Lalameharchandra Lakshmandas Shravak
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विषय
पृष्ठ ___उत्तर-ज्ञान से ज्ञान होता है इस को युक्तियों
से सिद्ध किया है। ... " ५१ ८ प्रश्न-किसी बालक ने लाठी को घोड़ामान रक्खा है
उसको तुम घोड़ा कहो तो क्या मिथ्यावादहै। उत्तर-उसघोडे को घोड़ाकहना दोष नहीं किन्तु उसको घोड़ा समझके चाराघासदेना अज्ञानका कारणहेसांचेके खिलौने इत्यादि दृष्टान्त और
भाव से देव माना जाता है इस का खण्डन । ५६ प्रश्न-प्रज्ञानियों के वास्ते मन्दिर मूर्ति पूजा चाहिये ।
गुड्डियों के खेलवत इस का खण्डन ६० १० प्र०-नमो अरिहन्तानं यह मुक्त हुए में किस प्रकार
संघटित होता है इसका उत्तर लिखा गया है ६४ ११ प्र-जो मूर्ति को न माने तो ध्यान किप्त का धरे।
उत्तर-सूत्र में तत्व विचार का ध्यान कहा है न
कि ईट पत्थर का। ... . : ६६ १२ प्र.-आप ने युक्तियों से तो मूर्ति पूजाका खण्डन अली