Book Title: Satyartha Chandrodaya Jain arthat Mithyatva Timir Nashak
Author(s): Parvati Sati
Publisher: Lalameharchandra Lakshmandas Shravak

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Page 193
________________ ( १५८ ) युनियन प्रिंटिंग प्रेसमें छपाहै,इस ग्रन्थकी अं. तिम पृष्ठमें कर्ताका नाम से लिखा है तप गच्छा चार्य श्री श्री श्री१००८ श्री मद्विजयानंद सूरी विरचते। इस ग्रन्थकी पृष्ठ३९पंक्ति ५वीं से लेकर कई पंक्तियों में यह लेख है कि उपाध्याय श्रीमद्यशो विजयजीने तथा गणिसत्य विजय जीने किसी कारण के वास्ते वस्त्र रंगे हैं तबसे लेकर तप गच्छ के साधु वस्त्र रंगके ओढ़तह परन्तुकोई भी प्रमाणीक साधु यह नहीं मानते हैं कि श्री महावीर स्वामी के शास्त्र में रंगके ही वस्त्र साधुरवखें और मेरी भी यही श्रद्धा है । पृष्ठ ९ पंक्ति ५ मी में देखो क्या लिखते हैं कि कुछ हमारे बृद्ध गुरुओं की यह श्रद्धा नहीं

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