Book Title: Satyartha Chandrodaya Jain arthat Mithyatva Timir Nashak
Author(s): Parvati Sati
Publisher: Lalameharchandra Lakshmandas Shravak
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( १६. ) थी कि साधुओं को रंगे हुए वस्त्र ही कल्पे हैं किसी कारण के वास्ते रंगे है सो कारणीक वस्त्र कोई वैसा ही पुरुष दूर करेगा फिर ___ पृष्ठ ३९ पंक्ति २य, में श्रीभगवंतके सिद्धांत में एकांत वस्त्र रंगने का निषेध नहीं है कारण यहहै कि एक मैथुन वर्ज के किसी भी वस्तु के करणे का निषेध नहीं हैं-यह कथन श्रीनिशीथ भाष्य में है। तर्क,तुम्हारे इसलेख से तो झूठ बोलना चोरी करना कच्चा पानी पीना आदिक भी कारणमें ग्रहण करनासिद्ध होगया क्योंकि एक मैथुन वर्ज के सव करना लिखने हो और निशीथ भाष्यकाहवाला देतेहो वाह २. धन्य भाष्य धन्य आप ॥ - अब विचारणाचाहिये कि इन पूर्वोक्तलेखसे सिद्ध हुआकि- श्री महावीर स्वामिक साधुओं