Book Title: Satyartha Chandrodaya Jain arthat Mithyatva Timir Nashak
Author(s): Parvati Sati
Publisher: Lalameharchandra Lakshmandas Shravak

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Page 226
________________ ( १६ ) कपड़े की जिल्द त्यार हुई है और इस पुस्तक का दाम -।- २० और महसूल २ आना है। जो महाशय इस पुस्तकको खरीदना चाहें वे अपना नाम, मुकाम डाकखाना, और जिला बहुत शीघ्र नीचे लिखे पते पर भेज देवें 'पत्र' पहुंचनेपर तत्काल पुस्तक भेज दिया जावेगा। पुस्तक मिलने का ठिकाना : मेहरचंद्र लक्ष्मणदास संस्कृत पुस्तकालय सैद मिट्टाबाजार। लाहौर पजाब।

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