Book Title: Satyartha Chandrodaya Jain arthat Mithyatva Timir Nashak
Author(s): Parvati Sati
Publisher: Lalameharchandra Lakshmandas Shravak

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Page 227
________________ नोट। लाला गंगाराम मुन्शीराम श्रावक हुश्यारपुर वासी ने इस पुस्तक के छपवाने में हम को वहुत सहायता दी, जिसके लिये हम इनका धन्यवाद करते हैं। - भारतभर मेंसबसे बड़ासंस्कृत भाषा पुस्तकों का सूचीपत्र। महाराज जी ? ___ आपकी सेवा में निवेदन किया जाता है कि हमारे प्राचीन संस्कृत पुस्तकालय का सूची पत्र जिसकी कि आपलोग बहुत कालसे देखने की इच्छा करते थे आज ईश्वर की कृपा से ३बर्ष की मेहनत के बाद बड़े २ प्रसिद्ध पंडितों की सहायता से त्यार होकर मुम्बई से छपं कर

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