Book Title: Satyartha Chandrodaya Jain arthat Mithyatva Timir Nashak
Author(s): Parvati Sati
Publisher: Lalameharchandra Lakshmandas Shravak

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Page 224
________________ ॐश्रीवीतरागानमः ज्ञानदीपिका (जैनोद्योत) ग्रंथ “सत्यधर्मोपदेशिका-बालब्रह्मचारिणी श्रीमतीपार्वती सतीजी विरचिता"। द्वितीया वृति। विज्ञापन। ____ हमारे प्यारे जैनी भाइयोंको प्रकट हो कि जैनतत्त्वादर्श ग्रन्थ जोकि महाराज श्रीआत्मारामसाधुजीने बनाया है उसके पढ़ने वासुनने से कई एक भाइयोंकी धर्म विषयक श्रद्धा में फर्क आगया है इस हेतु से श्रीमती पार्वती जी महाशयाबालब्रह्मचारिणीसतीनेलोगोंके उपका

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