Book Title: Satyartha Chandrodaya Jain arthat Mithyatva Timir Nashak
Author(s): Parvati Sati
Publisher: Lalameharchandra Lakshmandas Shravak
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नं०
( १५ ) विषय
देशी भाषा सम्वत् १९६० के छपे की पृष्ट ४ में लिखते हैं कि ढं ढिये चर्चा में सदा पराजय होते हैं परन्तु पंजाब देश में तो राजा हीरासिंह नाभा पति की सभा में पुजेरों की पराजय ई इस के प्रमाण में गुरुमुखी का इश्तिहार
पृष्ठ.
उत्तर - तुम ही देख लो
३१ प्र०-यह जो पूर्वोक्त निन्दो रूप झूठ और गालियें सहित पुस्तक और अखबार बनाते हैं और छपाते हैं उन्हें पाप तो अवश्य लगता होगा । उत्तर - हां लगताहै इसका समाधान और प्रार्थना १०२
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